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विधान परिषद से मुख्यमंत्री बनने वाले महाराष्ट्र के छठे नेता होंगे उद्धव ठाकरे
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बगैर किसी सदन का सदस्य बने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने वाले शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे का अब विधान परिषद के रास्ते विधायक बनना तय हो गया है। उद्धव विधान परिषद सदस्यता वाले राज्य के छठे मुख्यमंत्री होंगे। 28 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले उद्धव ठाकरे को 28 मई 2020 तक विधानमंडल के किसी एक सदन का सदस्य होना जरुरी है। ऐसा न करने पर उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा। कोरोना के चलते विधान परिषद चुनाव भी टाल दिए गए हैं। इसलिए अब राज्य मंत्रिमंडल ने उद्धव को राज्यपाल मनोनित सीट से विधान परिषद में भेजने की सिफारिश की है।
कांग्रेस नेता वंसतदादा पाटील ऐसे पहले नेता थे जो विधान परिषद के रास्ते मुख्यमंत्री बने। वंसतदादा लोकसभा सदस्य थे। संसद सदस्यता से इस्तीफा देकर उन्होंने 2 फरवरी 1983 कोमहाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उसके बाद शिवाजी पाटील निलंगेकर 3 जून 1985 को मुख्यमंत्री बने। पहले वे विधान परिषद से ही विधायक बनें पर बाद में निलंगा से विधानसभा पहुंचे थे। कांग्रेस हाईकमान के निर्देश पर 12 मार्च 1986 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद संभालने वाले शंकरराव चव्हाण भी विधान परिषद से विधानमंडल की सदस्यता हासिल की थी। 1993 में मुंबई में हुए भीषण दंगों के बाद सुधाकर राव नाईक के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद केंद्रीय मंत्री पद छोड़ राज्य के मुख्यमंत्री बने शरद पवार भी तब विधान परिषद में गए थे। आदर्श घोटाले के चलते मुख्यमंत्री पद से अशोक चव्हाण के इस्तीफे के बाद राज्य की कमान संभालने वाले पृथ्वीराज चव्हाण को विधान परिषद सदस्य बनाने के लिए कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य संजय दत्त को इस्तीफा देना पड़ा था। रिक्त सीट पर हुए उपचुनाव में चव्हाण विधान परिषद के लिए चुने गए थे।
औरंगाबाद-नई मुंबई मनपा पर नियुक्त होंगे प्रशासक
कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते औरंगाबाद व नई मुंबई महानगरपालिका का चुनाव टाल दिया गया है। ऐसे में इन दोनों महानगरपालिकाओं के लिए प्रशासक नियुक्त किए जाएंगे। औरंगबाद मनपा का कार्यकाल 29 अप्रैल व नई मुबई मनपा का कार्यकाल 7 मई को समाप्त हो रहा है। इसके बाद इन दोनों महानगरपालिकाओं का कामकाज सरकार द्वारा नियुक्त प्रशासक के हाथ में आ जाएगा। कोरोना के चलते राज्य चुनाव आयोग ने चुनाव संबंधी सभी कामकाज बीते 17 मार्च से रोकने के आदेश दिए थे। यदि स्थिति सामान्य रही होती तो 29 अप्रैल के पहले इन दोनों महानगरपालिकाओं के चुनाव सxपन्न करने पड़ते। लेकिन कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या और केंद्र सरकार द्वारा घोषित लॉक डाउन के चलते समय से चुनाव कराना संभव नहीं है। सूत्रों के अनुसार नगर विकास विभाग ने औरंगाबाद व नई मुंबई मनपा के लिए प्रशासक नियुक्ति करने की कवायद शुरु कर दी है। प्रशासक की नियुक्ति के बाद महापौर, उप महापौर व नगरसेवक के पद्द रद्द हो जाएंगे। साथ ही मनपा की सभी समितियां भी रद्द हो जाएंगी।
Created On :   9 April 2020 1:13 PM GMT