- Home
- /
- शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता बढ़ाने...
शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता बढ़ाने मदद करने की तैयारी में यूजीसी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने शिक्षा संस्थानों को नैक जैसी संस्थाओं के मान्यता दिलाने में मदद करने का निर्णय लिया है। यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों को अपने यहां खामियों को दूर करके वर्ष 2022 तक नैक मूल्यांकन में कम से कम 2.5 स्कोर प्राप्त करना होगा। इसके लिए वे मेंटर इंस्टीट्यूट की मदद ले सकते हैं।
मूल्यांकन से ही स्तर का पता चलता है
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 से ही यूजीसी "परामर्श" उपक्रम के तहत संभ्रांत शिक्षा संस्थानों को उनके क्षेत्र में स्थित गैर-मान्यता प्राप्त संस्थानों को मेंटर करने की जिम्मेदारी दी थी। फिलहाल इस उपक्रम के तहत 167 मेंटर संस्थान और 936 गैर-मान्यता प्राप्त संस्थान जुड़ चुके हैं। इस उपक्रम के तहत यूजीसी ने शिक्षा संस्थानों को वर्ष 2022 तक नैक मूल्यांकन में कम से कम 2.5 का स्कोर प्राप्त करने का टार्गेट भी दिया गया है। यूजीसी के अनुसार किसी भी शिक्षा संस्थान का दर्जा जानने के लिए उसकी नैक मान्यता और ग्रेड को ध्यान में रखा जाता है। देश में अनेक शिक्षा संस्थाओं के पास इस प्रकार की मान्यता और दर्जा नहीं है।
कॉलेज नैक मूल्यांकन से बचते रहे
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2017 में राज्य सरकार ने भी एक जीआर जारी करके कॉलेजों को अनिवार्य रूप से नैक मूल्यांकन कराने के निर्देश दिए थे। ऐसा ना करने पर छात्रवृत्ति रोक लेने की चेतावनी भी दी थी। लेकिन इसके बावजूद अनेक कॉलेज नैक मूल्यांकन से बचते ही रहे हैं। अब यूजीसी ने सभी शिक्षा संस्थानों को लक्ष्य देकर शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने का प्रयास किया है।
विद्यार्थियों के लिए काफी लाभदायक
नैक के मूल्यांकन के बाद ही किसी भी कॉलेज को परिपूर्ण समझा जाता है। नैक के दर्जे के आधार पर ही यूजीसी और रूसा संस्थान को निधि जारी करते हैं। नैक मूल्यांकन के ऐसे कई फायदे होते हैं, जो विद्यार्थियों के लिए लाभदायक होते हैं, लेकिन नैक की कुछ अनिवार्य शर्तें होती हैं। इसमें कॉलेज में नियमित शिक्षकों की नियुक्ति, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, विद्यार्थियों से मिलने वाला फीडबैक जैसे पहलू शामिल होते हैं। सरकार द्वारा अनुदानित कॉलेजों के लिए तो नैक मूल्यांकन एक हद तक आसान होता है, लेकिन गैर-अनुदानित कॉलेज मापदंडों पर खरे उतरने लायक सुविधाएं विद्यार्थियों को नहीं दे पाते।
Created On :   1 Feb 2021 2:44 PM IST