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डिस्टेंस लर्निंग मोड के पाठ्यक्रमों को वेबसाइट पर शो करेगा यूजीसी , 20 तक होंगे एडमिशन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) डिस्टेंस लर्निंग मोड के तहत संचालित पाठ्यक्रमों को मान्यता देने के लिए नए दिशानिर्देश ला रहा है। यूजीसी अपने वेबसाइट पर इन्हें सार्वजनिक करेगा। जिसके बाद शिक्षा संस्थानों को नए मापदंडों की पूर्ति करने के बाद ही डिस्टेंस मोड के पाठ्यक्रम संचालित करने की अनुमति देगा। यूजीसी ने शिक्षा संस्थानों को आगामी 20 अक्टूबर तक प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण करने के आदेश दिए हैं। इसके बाद वे काेई भी प्रवेश स्वीकार नहीं कर सकेंगे।
इन युवाओं के लिए बेहतर विकल्प
दिशानिर्देशों के अनुरूप जो पाठ्यक्रम संचालित नहीं हो रहे हों, उन्हें बी-श्रेणी का दर्जा दिया जाएगा। संबंधित शिक्षा संस्थानों को 30 दिनों के भीतर यूजीसी के पास इसके खिलाफ अपील दायर करनी होगी। जो युवा नियमित कॉलेज नहीं जा सकते हैं, उनके लिए पढ़ाई करने और करियर बनाने के लिए एक डिस्टेंस लर्निंग बेहतर विकल्प है। इनके तहत पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रमों में विज्ञान, कम्प्यूटर, नर्सिंग, इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी में पाठ्यक्रम भी शामिल है। यहां बीए जनरल कोर्स के साथ ही बीएससी जनरल की पढ़ाई भी होती है, जिसमें गणित, भौतिकी, रसायन, बॉटनी और जूलॉजी जैसे विषय भी पढ़ाए जाते हैं। यहां बीकॉम भी है। इसके अलावा बीबीए इन रिटेलिंग, बैचलर ऑफ टूरिज्म स्टडीज, बैचलर ऑफ सोशल वर्क और बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लिकेशन जैसे कोर्स हैं। इसके अलावा वोकेशनल ट्रेनिंग के रूप में सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स भी है। यहां बीएड और डिप्लोमा इन एजुकेशन यानी डीएड कोर्स भी अब डिस्टेंस एजुकेशन में शामिल हो गया है।
बढ़ती जा रही लोकप्रियता
नागपुर में डिस्टेंस लर्निग पाठ्यक्रमों की लोकप्रियता दिनों दिन बढ़ती जा रही है। इग्नू, वायसीएमओयू जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट स्तर के कई पाठ्यक्रम खासे प्रचलित है। ये यूनिवर्सिटीज अपने नियमों के मामले में काफी लचीली होती हैं। यहां कोर्स की फीस भी अमूमन सामान्य संस्थानों के मुकाबले कम होती है। इनकी अधिकांश कक्षाएं सप्ताहंत में लगती है। जिससे नौकरी पेशा लोगों को सुविधा हो जाती है। पढ़ाई और नौकरी के बीच के समय का इस्तेमाल करने वालों के लिए ये डिस्टेंस लर्निंग कोर्स खासे प्रसिद्ध है। डिस्टेंस एजुकेशन में स्टूडेंट को नियमित तौर पर किसी संस्थान में जाकर पढ़ाई करने की जरूरत नहीं होती। सूचना क्रांति और इंटरनेट के कारण डिस्टेंस एजुकेशन और आसान एवं प्रासंगिक हो गयी है। विजुअल क्लासरूम लर्निंग, इंटरैक्टिव ऑनसाइट लर्निंग और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए स्टूडेंट्स देश के किसी भी राज्य में रहकर घर बैठे पढ़ाई कर सकते हैं। डिस्टेंस एजुकेशन से पढ़ाई करने की फीस काफी कम है। जॉब करने के साथ-साथ पढ़ाई की जा सकती है। कम अंक आने पर भी मनपसंद कोर्स में दाखिला मिल जाता है। किसी भी कोर्स के लिए उम्र बाधा नहीं होती है। साधारण कोर्स के साथ ही वोकेशनल कोर्स तथा प्रोफेशनल कोर्स भी किये जा सकते हैं।
Created On :   3 Oct 2018 4:12 PM IST