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3 वर्षों में किसानों को मिलेंगे 1 लाख सौर ऊर्जा कृषि पंप, मंत्रिमंडल से मिली हरी झंडी

डिजिटल डेस्क,मुंबई। मुख्यमंत्री सौर कृषि पंप योजना के तहत राज्य में अगले 3 सालों में 1 लाख किसानों को पंप देने के फैसले को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इससे किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध हो सकेगी। कृषि पंप के लिए महावितरण के पास पैसे जमा कराने के बावजूद जिन किसानों को कृषि पंप नहीं मिले हैं और अतिदुर्गम इलाके व धड़क सिंचाई योजना के लाभार्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
मंगलवार को प्रदेश के ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बताया कि योजना के तहत पहले चरण में 2018-19 में 25 हजार कृषि पंप लगाने के लिए 858.75 करोड़, दूसरे चरण में साल 2019-20 में 50 हजार कृषि पंप लगाने के लिए 1717.50 करोड़ और तीसरे चरण में साल 2020-21 में 25 हजार कृषि पंप लगाने के लिए 858.75 करोड़ रुपए खर्च होंगे। योजना का हर चरण 18 महीने में पूरा करने का लक्ष्य है। योजना को लागू करने की जिम्मेदारी सरकारी बिजली कंपनी महावितरण की होगी। जिलों में लाभार्थियों के चयन के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी। राज्य स्तर पर योजना की निगरानी के लिए ऊर्जा मंत्री विभाग के प्रधान सचिव अरविंद सिंह की अध्यक्षता में संचालन समिति बनाई जाएगी। लाभार्थी को कृषि पंप की कुल राशि का 10 प्रतिशत और अनुसूचित जाति-जनजाति के लाभार्थियों को केवल 5 प्रतिशत हिस्सा देना पड़ेगा।
अब सीधे सिंचाई महामंडलों के खाते में जमा होगी निधि
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से सिंचाई परियोजनाओं के लिए केंद्रीय आर्थिक सहायता और प्रदेश सरकार के हिस्से की नाबार्ड से मिलने वाले कर्ज और बलीराजा जलसंजीवनी योजना के लिए नाबार्ड के जरिए मिलने वाली कर्ज की राशि अब सीधे सिंचाई महामंडलों के खाते में जमा होगी। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई। अब तक यह निधि प्राप्त करने के लिए जल संसाधन विभाग को वित्त विभाग के पास प्रस्ताव भेजना पड़ता था। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत साल 2016-17 से 2019-20 के बीच प्रदेश की 17 बड़ी परियोजना और 9 मध्यम सहित कुल 26 परियोजनाओं को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार से 3830 करोड़ रुपए की मदद मिलने वाली है।
Created On :   16 Oct 2018 7:24 PM IST