'प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना' की आड़ में ठगी !

Under the guise of Prime Minister Skill Development Planning!
'प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना' की आड़ में ठगी !
'प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना' की आड़ में ठगी !

डिजिटल डेस्क,नागपुर। बेरोजगार लोगों के लिए सरकार प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना चला रही है। इस योजना को फर्जी कंपनियां पलीता लगा रही है। और बेरोजगार लोगों को ठगने काम कर रही हैं, लेकिन इन्हें रोकने वाला कोई नहीं है।

गौरतलब है कि ये फर्जी कंपनियां युवाओं को घर पर लेटर भेजने कर उन्हें फांसने की कोशिश कर रही हैं। ऐसी ही एक कंपनी के बारे में जब जिला रोजगार व स्वरोजगार मार्गदर्शक केंद्र से बात की गई तो उन्होंने संबंधित कंपनी को सिरे से फर्जी और ठग बताया।

कौशल विकास, रोजगार और उद्यमिता सहायक निदेशक आर.डब्ल्यू. खंडारे ने बताया कि कौशल विकास योजना बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए है। इसके लिए बेरोजगारों से कोई पैसे नहीं लिए जाते। सरकार की ओर से इस योजना का लाभ लेने के लिए ऐसी कोई फीस या सिक्यूरिटी निधि नहीं मांगी जाती। उन्होंने बेरोजगार युवाओं को इस तरह की कंपनियों और कॉल से सतर्क रहने की बात कही।

ये मामले आए सामने
ऐसी ही एक ठगी का शिकार हुए प्रीतम भीसीकर। इनके घर पर चंडीगढ़ से एक लेटर आया। लेटर में भारत सरकार का अशोक चिन्ह और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का मास्टर हेड और नीचे उसका नाम पेन से लिखा हुआ था। साथ ही एक सीट नंबर के बारे में दिया गया था। इस लेटर को देखकर प्रीतम इसलिए भी हैरान था क्योंकि उसने अपनी जानकारी से जुड़ा कोई आवेदन नहीं किया था।

इसके बाद उन्हें उनके मोबाइल पर फोन कॉल भी आया। लेटर पर दिए गए नंबर पर प्रीतम ने कॉल किया तो उसे लेटर में दिए गए सीट नंबर की जानकारी मांगी गई। इसके बाद उसे रजिस्ट्रेशन के लिए 2100 रुपए और ट्रेनिंग व लैप टॉप व अन्य सामग्रियों के नाम पर करीब 15 हजार रुपए की मांग की गई। आवेदन के साथ पहचान पत्र, 7 पासपोर्ट साइज फोटो, शैक्षणिक दस्तावेज, निवास प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र, दो पड़ोसियों के हस्ताक्षर व नाम भी देने की मांग की। लेटर में प्रशिक्षण के बाद योजना के प्रचार के लिए इंफॉर्मेशन ऑफिसर के तौर पर प्रति माह 24,500 रुपए सैलरी पर नियुक्ति देने का झांसा दिया।

इसी तरह का फोन बलराम कोहाड़ को भी आया। बलराम से उसी कंपनी की महिला ने बैंक खाते में पैसे जमा कराने के लिए कहा गया। फोन करने वाली महिला से उनके अधिकारी का मोबाइल नंबर जब मांगा तो उसने ऐसा करने पर खुद की नौकरी जाने का झांसा दिया। साथ ही अजय गुप्ता नाम के सिटी सेंटर डायरेक्टर के एसबीआई बैंक खाते में जमा कराने के लिए भी कहा। बलराम कहते हैं कि वे इस झांसे को समझ गए और ऐसे संदेशों से सावधान रहने के लिए सोशल मीडिया में अधिक से अधिक लोगों तक संदेश पहुंचाने के लिए जुट गए।

Created On :   26 July 2017 12:18 PM IST

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