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माननीयों की उपेक्षा पर भड़के केंद्रीय मंत्री - लगाई फटकार

डिजिटल डेस्क छतरपुर। जिले के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा किये जाने पर केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार जिले के अधिकारियों पर जम कर भडके, उनका कहना था कि जिले में होने वाले शासकीय आयोजनों में सांसदों को नहीं बुलाया जाता है। आयोजनों के अलावा केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा बैठक की भी सांसदों को जानकारी नहीं दी जाती हैं। दरअसल यहां जिला पंचायत सभा कक्ष में जिला विकास समन्वय एंव निगरानी समिति की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में केंद्रीय मंत्री के अलावा प्रधानमंत्री आवास की समीक्षा करते हुए कहां कि हितग्राहियों को जब पीएम आवास की चाभी सौपी जाती है। उस समय जनप्रतिनिधियों के हाथ से हितग्राही को चाभी सौपी जानी चाहिये क्योकि जनप्रतिनिधि जनता से सीधे जुड़े रहते है , और जनता भी जनप्रतिनिधियों से अपेक्षा रखती हैं। पीएम आवास की धीमी प्रगति पर भी केंद्रीय मंत्री ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जिले का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है उस लक्ष्य को समय पर पूरा करें।
मध्यान्ह भोजन में गोलमाल
चंदला विधायक आरडी प्रजापति से बैठक में यह आरोप लगाते हुए सब को चौका दिया की जिले में बच्चों को दिये जाने वाले मध्यान्ह भोजन में जम कर गोलमाल किया जा रहा है। उनका कहना था कि समूह संचालक से लेकर बीआरसी स्तर तक के अधिकारी जम कर गोलमाल कर रहे है। उनका कहना था कि कुछ लोग ही जिले के सभी मध्यान्ह भोजन समूह चला रहे है। विधायक के अलावा केंद्रीय मंत्री ने भी माना की बच्चों को मीनू के आधार पर मध्यन्ह भोजन का वितरण नहीं किया जा रहा है। उनका साफ कहना था कि बच्चों के मुह से निवाला न छीने बल्कि शासन की जो मंशा है की बच्चों का निवाला पेट तक पहुंचे इस सोच के साथ अधिकारी मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था करे।
पीएमओ हमसे मांगता है जवाब, आपसे नहीं
सौभाग्य योजना की समीक्षा के दौरान खजुराहो सासंद नागेंद्र सिंह ने कहा कि छतरपुर जिले में बड़ी संख्या में मजरे टोले है। जहा पर आज तक बिजली नहीं पहुुंची है। उनका कहना था कि बिजली विभाग के अधिकारी गलत जानकारी पोर्टल पर दर्ज करते है। उन्होने कहा की पीएमओ कार्यालय हर माह उनसे केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी मांगता है। अधिकारियों द्वारा गलत जानकारी दिए जाने के कारण ही वे लोग पीएमओ को जवाब नहीं दे पाते है। सांसद द्वारा गलत जानकारी देने का आरोप लगाए जाने के बाद बिजली विभाग के अधिकारियों ने माना की छतरपुर जिले में 2 सौ से ज्यादा मजरे टोले है जहा पर अभी तक बिजली नहीं पहुंची है।
सरकारी कार्यक्रम बन कर न रह जाए स्वच्छ भारत मिशन
स्वच्छ भारत मिशन की समीक्षा के दौरान बताया गया कि जिले में अभी 80 हजार शौचालय बनना शेष है। शौचालय निर्माण में हो रही देरी पर जनप्रतिनिधियों ने नाराजगी जाहिर की। हालांकि कलेक्टर रमेश भेंड़ारी ने साफ कहा की स्वच्छ भारत मिशन सरकारी कार्यक्रम बन कर न रह जाए इसके लिए जनजागरण की जरुत है। उनका कहना था कि इस मिशन में जनप्रतिनिधि भी आगे आकर लोगों को प्रेरित करे।
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Created On :   16 Feb 2018 1:42 PM IST












