यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को बनानी होगी अपनी ‘इनवेसिव व स्टार्टअप पॉलिसी’

Universities and colleges have to form their own Invasive and Startup Policy
यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को बनानी होगी अपनी ‘इनवेसिव व स्टार्टअप पॉलिसी’
यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को बनानी होगी अपनी ‘इनवेसिव व स्टार्टअप पॉलिसी’

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्र सरकार द्वारा बीते कुछ वर्षों से युवाओं को उद्योजकता की ओर कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसी दिशा में अब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने उच्च शिक्षा संस्थानों से भी कदम बढ़ाने को कहा है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय समेत देश भर के सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों का आदेश दिए हैं कि वे अपने स्तर पर  ‘इनवेसिव व स्टार्टअप पॉलिसी’ तैयार करके अपने विद्यार्थियों को उस ओर प्रेरित करें। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए संस्थान के ही एक वरिष्ठ फैकल्टी को जिम्मेदारी सौंपने के आदेश भी शिक्षा संस्थानों को दिए गए हैं। 

तीन चरण में लागू होगी योजना : यूजीसी ने शिक्षा संस्थानों को तीन चरणों में यह योजना लागू करने को कहा है। पहले चरण में एक योग्य नीति निर्धारित करनी होगी। दूसरे में एक्शन प्लान तैयार करके योजना लागू करनी होगी। तीसरे चरण में नवाचारों और नव उद्योगों की मॉनिटरिंग शामिल की गई है। बता दें कि बीते कुछ वर्षों से उद्योजकता पर अधिक जोर दिया जा रहा है। मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं के जरिए भारत में ही रोजगार निर्मिती के प्रयास हो रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने शिक्षा संस्थानों को भी जिम्मेदारी सौंपी है। नागपुर विश्वविद्यालय ने हाल ही में अपने यहां इनोवेशन सेंटर की स्थापना की है, जहां युवाओं के स्टार्टअप आईडिया को साकार करने में मदद की जाती है। अब विवि को एक स्वतंत्र नीति निर्धारित करके इसका दायरा बढ़ाने के निर्देश मिले हैं। इसके अलावा नागपुर के विविध इंजीनियरिंग और एमबीए कॉलेजों के पास स्वयं के स्वतंत्र आंत्राप्रेन्योरशिप सेल हैं। ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा उच्च शिक्षा संस्थानों के पास मौजूद सुविधाओं का उपयोग करके समाज में उद्योजकता बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। यूजीसी की इस मुहिम में अब तक देश भर के 1980 उच्च शिक्षा संस्थान शामिल हुए हैं।

 


 

Created On :   24 May 2021 3:47 PM IST

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