शतकपूर्ति वर्ष का पहला विवाद फीस बढ़ाने पर घिरा यूनिवर्सिटी प्रशासन

University administration surrounded by raising fees for the first controversy of the century
शतकपूर्ति वर्ष का पहला विवाद फीस बढ़ाने पर घिरा यूनिवर्सिटी प्रशासन
20 प्रतिशत तक बढ़ाई फीस शतकपूर्ति वर्ष का पहला विवाद फीस बढ़ाने पर घिरा यूनिवर्सिटी प्रशासन

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  अपने शतकपूर्त वर्ष में कदम रख चुके राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय का पहला बड़ा विवाद सामने आ गया है। यूनिवर्सिटी ने हाल ही में अपने अंडर और पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों की फीस 20 प्रतिशत से बढ़ाने के फैसला लिया है। इस फैसले  की विविध वर्गों की ओर से आलोचना हो रही है। इधर विद्यार्थी संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने नागपुर विश्वविद्यालय को अपना यह फैसला वापस लेने की मांग की है। संगठन के अनुसार एक ओर विद्यार्थी पहले ही कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण आर्थिक संकट में है। उस पर विदर्भ में हुई अतिवृष्टि से भी कई परिवारों को नुकसान हुआ है। ऐसी विकट स्थिति में नागपुर विवि का फीस बढ़ाने का फैसला असंवेदनशील और निंदनीय है।

विद्यार्थियों को नहीं मिलती मदद
संगठन के अनुसार 100वें वर्ष में कदम रख चुके विश्वविद्यालय को इस प्रकार के फैसले नहीं लेने चाहिए। संगठन ने विवि को फौरन यह फैसला वापस लेने की मांग की है। संगठन के अनुसार कई वर्षों से विश्वविद्यालय के विद्यार्थी सहायता निधि से विद्यार्थियों को कोई मदद नहीं मिली। विद्यार्थी लंबे वक्त पहले ही इस योजना के तहत आवेदन कर चुके हैं। लेकिन इस निधि का फायदा अब तक विद्यार्थियों को नहीं मिला है। 

अगले साल भी बढ़ेगी फीस 
नागपुर विश्वविद्यालय ने अपने शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए 20 प्रतिशत फीस बढ़ाई है। विवि ने कॉलेजों को विद्यार्थियों से ये अतिरिक्त फीस वसूल करने का आदेश दिया है। विवि ने इसी अधिसूचना में यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अगले साल भी और 7 प्रतिशत से फीस बढ़ाई जाएगी।

Created On :   10 Aug 2022 4:14 PM IST

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