यूनिवर्सिटी ने कैंसर पीड़ित छात्रा को की एक लाख रुपए की मदद

University has given one lakh rupees help to cancer student
यूनिवर्सिटी ने कैंसर पीड़ित छात्रा को की एक लाख रुपए की मदद
यूनिवर्सिटी ने कैंसर पीड़ित छात्रा को की एक लाख रुपए की मदद

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय ने स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे विद्यार्थियों को इलाज के लिए आर्थिक मदद शुरू की है। हाल ही में यूनिवर्सिटी ने अपने "स्टूडेंट मेडिकल एड फंड" से कैंसर पीड़ित छात्रा को 1 लाख रुपए की मदद की है। छात्रा तुमसर के कॉलेज में अध्ययनरत है। इसी प्रकार से भंडारा के कॉलेज में पढ़ रहे किडनी स्टोन से पीड़ित विद्यार्थी को 25000 रुपए दिए गए हैं। वहीं, नागपुर यूनिवर्सिटी के पीजी विभाग में पढ़ रहे विद्यार्थियों को अपने फ्रैक्चर का इलाज कराने के लिए 3500 रुपए दिए गए हैं। लॉकडाउन के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहे परिवारों के लिए यूनिवर्सिटी के इस निर्णय से बड़ी राहत मिली है। उल्लेखनीय है कि, हाल ही में  विद्यार्थियों को चिकित्सा में सहायता के लिए "स्टूडेंट मेडिकल एड फंड" की शुरुआत की गई है।  इस योजना के तहत विद्यार्थियों को चिकित्सा के लिए 1 लाख रुपए तक की मदद यूनिवर्सिटी द्वारा की जाती है।  नियमों के मुताबिक विवि की एक समिति प्रत्येक 6 माह में आवेदक विद्यार्थियों को सहयता देने पर निर्णय लेती है। जरूरतमंद विद्यार्थियों को यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी कल्याण विभाग में आवेदन करना होता है। 

और भी हैं कई योजनाएं
यूनिवर्सिटी की "स्टूडेंट मेडिकल एड फंड" योजना के तहत यह भी प्रावधान है कि, यदि किसी विद्यार्थी की कॉलेज या यूनिवर्सिटी में आते-जाते वक्त हादसे में मृत्यु हो जाए, तो उसके परिजनों को कुछ आर्थिक मदद की जाती है।  विश्वविद्यालय की यह योजना केवल कैंपस के विद्यार्थियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि सभी सम्बद्ध कॉलेजों के विद्यार्थी इसका लाभ ले सकते हैं, लेकिन इसकी जानकारी नहीं होने के कारण इस घटक के तहत यूनिवर्सिटी को आवेदन ही नहीं आ रहे हैं। इस योजना के अलावा यूनिवर्सिटी ने हाल ही में "विद्यार्थी दायित्व निधि योजना" शुरू की है, जिसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को शैक्षणिक, खेल-कूद, रिसर्च और अन्य आवश्यक गतिविधियों के लिए भी आर्थिक मदद मिलती है। वहीं, यूनिवर्सिटी विद्यार्थियों की परीक्षा फीस माफ करने पर भी विचार कर रहा है। हाल ही में यूनिवर्सिटी की सीनेट में यह निर्णय लिया गया है। 

Created On :   21 Nov 2020 4:51 PM IST

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