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यूनिवर्सिटी के पास ढेरों शिकायतें, ऑनलाइन सुनवाई जारी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। लॉकडाउन के कारण केंद्र और राज्य सरकार ने जनहित में कई अहम फैसले लिए। इसमें शिक्षा वर्ग के लिए प्रमुख निर्देश था कि शिक्षा संस्थान विद्यार्थियों से फीस की सख्ती, फाइन या अन्य प्रकारण के दबाव न डालें, लेकिन वास्तविकता में राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय से संलग्नित कॉलेजों ने इस निर्देश को महत्व नहीं दिया। कॉलेजों ने विद्यार्थियों पर फीस के लिए दबाव डाला, अनाप-शनाप फाइन लगाए और जमा नहीं करने पर विद्यार्थियों की टीसी और अन्य दस्तावेज रोक लिए। ऐसे में पिछले 6 माह में विश्वविद्यालय के "शिकायत निवारण कक्ष" को ऐसी अनेक शिकायतें मिली हैं। मौजूदा वक्त में करीब 10 मामलों पर ऑनलाइन सुनवाई जारी है।
दस्तावेज रोकना जुर्म
जिन विद्यार्थियों के दस्तावेज रोके गए हैं, उनमें से अधिकांश राज्य के बाहर के विद्यार्थी हैं। एक विद्यार्थी तो जम्मू कश्मीर का है, एक दक्षिण भारत के किसी राज्य का है। इन विद्यार्थियों की शिकायत पर वीडियो कॉलिंग प्लेटफॉर्म पर सुनवाई ली जा रही है। उल्लेखनीय है कि यूजीसी, एआईसीटीई और अन्य नियामक संस्थाओं की नियमावली के तहत कॉलेजों का किसी भी कारण से विद्यार्थियों के दस्तावेज रोकना जुर्म है। इसके लिए कॉलेज पर कार्रवाई की जा सकती है। नए विश्वविद्यालय अधिनियम में विवि की शिकायत िनवारण समिति को इसके लिए अधिकृत किया गया है।
जो मामले नहीं सुलझे, उनकी सुनवाई की जा रही
विश्वविद्यालय विद्यार्थी कल्याण विभाग संचालक डॉ. अभय मुद्गल के अनुसार लॉकडाउन काल में भी समिति विद्यार्थियों की शिकायतें सुनने के लिए सक्रिय रही। कई शिकायतों पर तो सीधे कॉलेजों को फोन करके पहले ही मामले सुलझा लिए। जो नहीं सुलझे उन पर सुनवाई ले कर फैसले सुनाए जा रहे हैं। उन्होंने दावा किया है कि लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन करने के लिए प्रणाली को ऑनलाइन मोड में ढाला गया है।
Created On :   22 Oct 2020 9:25 AM GMT