नागपुर के शेल्टर होम से अकुशल श्रमिक, कुशल बनकर लौटे

Unskilled workers returned to the shelter home
नागपुर के शेल्टर होम से अकुशल श्रमिक, कुशल बनकर लौटे
नागपुर के शेल्टर होम से अकुशल श्रमिक, कुशल बनकर लौटे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लॉकडाउन में विविध प्रदेशों के प्रवासी मजदूर शहर में फंस गए। काम बंद होने पर बेरोजगार हो गए, तो गांव के रास्ते चल दिए। यातायात के कोई साधन नहीं, तो पैदल ही सफर शुरू किया। शहर से गांव के लिए पैदल निकले लोगों को मनपा और पुलिस प्रशासन ने रास्ते में रोक दिया। उन्हें मनपा के शेल्टर होम में पहुंचाया गया। मनपा के पांच स्थायी और 16 अस्थायी शेल्टर होम बनाए गए। शेल्टर होम में उनके रहने, चाय, नाश्ते से लेकर दो समय के भोजन का इंतजाम किया गया। जब तक सरकार ने एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में जाने की अनुमति नहीं दी, तब तक उन्हें शेल्टर होम में रखा गया। इस दौरान उन्हें अल्पावधि प्रशिक्षण देकर विविध कला सिखाई गई। इस कला के माध्यम से उनकी मानसिक तनाव से मुक्त हुई और कला आत्मसात कर रोजगार का अवसर भी मिला। शेल्टर होम से जब गांव के लिए निकले तो कुशल कारीगर बनकर लौटे। 

8 लोगों को रोजगार भी मिला
शेल्टर होम में निर्माणकार्य की नई तकनीकी आत्मसात करने वाले 8 लोगों को कुशल कामगार के रूप में एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में रोजगार का अवसर भी उपलब्ध हुआ। अन्य लोगों को रद्दी पेपर से पॉकेट बनाकर बेचने पर आर्थिक लाभ हुआ। लॉकडाउन के समय औषधि दुकानों में पॉकेट की काफी मांग है। शेल्टर होम में कौशल विकास के माध्यम से प्रशिक्षणार्थियों द्वारा बनाए गए पॉकेट उपलब्ध होने से दुकानदारों की जरूरत पूरी हुई। वहीं कामगारों को अर्थार्जन का अवसर प्राप्त हुआ।

कलाएं सिखाई गईं
पावड़े ने बताया कि बारिश के पानी का पुनर्भरण कर योग्य नियोजन, औषधि व सुगंधित व अन्य उपयोगी वनस्पति की नर्सरी, जल व मृदा संवर्धन, गृह निर्माण में नए तकनीकी अवसर, रद्दी पेपर से उपयोगी वस्तुएं बनाना, लकड़ी से विविध सजावट के सामान बनाना आदि कलाएं सिखाई गईं।

न्यायाधीश देशमुख ने बढ़ाया हौसला
मनपा तथा सामाजिक संस्थाओं के साझा उपक्रम में न्यायाधीश अभिजीत देशमुख ने भेंट देकर मजदूरों से संवाद साधा। उन्होंने आत्मसात की कला की सराहना कर हौसला बढ़ाया।

समुपदेशन से बढ़ा आत्मविश्वास 
मजदूरों का मानसिक तनाव बढ़ रहा था। इस तनाव से मुक्त कराने के लिए मनपा ने समुपदेशन की व्यवस्था की। आपुलकी सामाजिक संस्था के अमिताभ पावड़े ने शेल्टर होम के मजदूरों के समुपदेशन में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि जब इन्हें शेल्टर होम लाया गया था, उस समय आर्थिक संकट और बीच में ही लटक जाने के कारण मानसिक तनाव में थे। उन्हें अल्पावधि में प्रशिक्षण देकर आर्थिक परिमार्जन का अवसर उपलब्ध कराए जाने पर आत्मविश्वास बढ़ा। 

इनका रहा सहयोग
शेल्टर होम में प्रवासी मजदूरों को अल्पावधि कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम में मनपा में सहायक आयुक्त डॉ. रंजना लाड़े, सिटी मिशन मैनेजर विनय त्रिकोलवार, इंटरनेशनल स्कील डेवलपमेंट सोसाइटी के अर्शद तनवीर खान, इको-सन्स फाउंडेशन के डॉ. समीर देशपांडे, डॉ. मुनमुन सिन्हा, सारीम कंस्ट्रक्शन के समीर पटेल, मुद्रास चैरिटेबल सोसाइटी की रूपम झा, देवांगण, प्रभात धारीवाल, पवन गजभिये, मनपा के अधिकारियों का सहभाग रहा।
 

Created On :   19 May 2020 10:15 AM GMT

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