आईएफएससी केंद्र गुजरात में बनने पर बवाल

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आईएफएससी केंद्र गुजरात में बनने पर बवाल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई में प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सेवा केंद्र (आईएफएससी) को गुजरात के गांधी नगर में स्थलांतरित किए जाने को लेकर राज्य की सत्ताधारी शिवसेना, कांग्रेस व राकांपा ने भाजपा पर हमला बोला है जबकि भाजपा ने इसके लिए कांग्रेस-राकांपा को जिम्मेदार ठहराया है। दरअसल सरकार ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र(आईएफएससी)  में सभी वित्तीय सेवाओं को विनियमित करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण की स्थापना की है। इस एकीकृत प्राधिकरण का मुख्यालय गुजरात के गांधीनगर में होगा। इसको लेकर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा की मोदी सरकार ने देश की आर्थिक राजधानी मुंबई का महत्व कम करने के लिए आईएफएससी को मुंबई से गांधीनगर स्थांतरित किया है। पवार ने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र से कह रहे हैं कि वे एक बार अपने फैसले पर पुनरविचार करते हुए मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी का दर्जा बनाए रखे। उन्होंने कहा कि यह फैसला सही नहीं है। हम प्रधानमंत्री के सामने यह मसला रखेंगे और उनसे इस फैसले पर फिर से विचार करने की मांग करेंगे। 

महाराष्ट्र के साथ धोखाः सावंत
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने आईएफएससी मुख्यालय को मुंबई की बजाय गांधीनगर में शिफ्ट करने की फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यह महाराष्ट्र के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि 2007 में डा एम बालचंद्रन समिति ने मुंबई के बीकेसी में आईएफएससी मुख्यालय बनाना की सिफारिश की थी। इससे महाराष्ट्र में लाखों लोगों को रोजगार मिलता लेकिन ऐसा नहीं हो सका। सावंत ने इसके लिए महाराष्ट्र के भाजपा नेताओं को भी जिम्मेदार ठहराया है।

 रोकेंगे महाराष्ट्र से जाने वाला कर : शेवाले 
शिवसेना सांसद राहुल शेवाले ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यदि आईएफएससी मुंबई मेम नहीं बना तो मुंबई से केंद्र को मिलने वाले टैक्स कलेक्शन को रोक देंगे। उन्होंने कहा कि मुंबई देश की आर्थिक गतिविधियों का केंद्र है। इस लिए आईएफएससी गुजरात की बजाय यहां बनाना चाहिए। 

इसके लिए कांग्रेस-राकांपा जिम्मेदारःफडणवीस
विधानसभा में विपक्ष के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आईएफएससी मुंबई में न पाने के लिए कांग्रेस-राकांपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि आईएफएससी की स्थापना को लेकर 2007 में तत्कालिन केंद्र सरकार द्वारा गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौपी थी। 2014 तक इस पर न तत्कालिन महाराष्ट्र सरकार ने कोई प्रस्ताव पेश किया और न ही केंद्र सरकार ने इस दिशा में कोई कदम उठाया। जबकि 2007 में गुजरात के तत्कालिनमुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ब्राईबेंट गुजरात’ सम्मेलन के दौरान अहमदाबाद में आईएफएससी विकसित करने का फैसला लिया था। इसके लिए ईसीआईडीआई का गठन भी कर दिया।

 ईसीआईडीआई ने 2012 तक सभी प्रारुप तैयार कर काम भी शुरु कर दिया। 2015 में केंद्र सरकार ने आईएफएससी को लेकर गिफ्ट सिटी अहमदाबाद का प्रस्ताव पेश किया। उसी समय मुंबई के लिए भी प्रस्ताव पेश किया गया। अहमदाबाद के प्रस्ताव की बाबत सभी औपचारिकताओं को पूरा किया गया जिससे उसे मंजूरी मिल गई जबकि 50 हेक्टेयर की जगह को लेकर बीकेसी (मुंबई) के प्रस्ताव में तकनीकी अडचन आ गई। इस पर जरुरी सलाह लेकर फिर से प्रस्ताव पेश किया गया। बुलेट ट्रेन स्टेशन बीकेसी में प्रस्तावित होने के कारण केंद्र सरकार ने यहीं पर आईएफएससी बनाने का विचार किया था। इस बीच अहमदाबाद के गिफ्टसिटी में कामकाज शुरु हो गया। इस पर तत्कालिन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि दो आईएफएससी एक साथ काम कर सकते हैं क्या। यह बात विचाराधीन है। फडणवीस ने कहा कि आज जो लोग गला फाड कर चिल्ला रहे हैं वे 2007 से 2014 तक चुप्पी क्यों साधे थे। तब वे सरकारमें थे लेकिन मुंबई में आईएफएससीबनाने के लिए कुछ नहीं किय़ा। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुंबई में आईएफएससी बनना चाहिए। यदि महाराष्ट्र की सरकार चाहेगी तो यहां यह केंद्र बन सकता है। 
 

Created On :   2 May 2020 5:25 PM IST

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