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15 अक्टूबर से शुरू होगी उरधन खदान, पांच लाख टन सालाना कोयला उत्पादन का लक्ष्य

डिजिटल डेस्क छिन्दवाड़ा/परासिया। पेंचक्षेत्र में पांच लाख टन सालाना उत्पादन का लक्ष्य लेकर शुरू की गई उरधन ओपन कास्ट कोयला खदान- ओसीएम में जून- 17 से उत्पादन प्रभावित है। वहीं गत अप्रेल- 18 से खदान पूर्णत: बंद है। अब प्रबंधन इस खदान को पुन:15 अक्टूबर से प्रारंभ करेगा। यह काम अब पुराने ठेकेदार की जगह नए ठेकेदार के माध्यम से होगा।
उरधन कोयला खदान से सप्लाई नहीं होने पर कोल स्टाक में स्वत: आग सुलग गई जिसे बुझाने का प्रबंधन द्वारा सार्थक प्रयास नहीं हुआ। वहीं पिछले साल भी यहां बम्फर कोयला उत्पादन हुआ। स्थिति यह रही कि कोल स्टाक 1.80 लाख टन तक पहुंच गया। उसके बाद अप्रेल माह से यहां कोयला खनन बंद हो गया, किन्तु आग को बुझाने के सार्थक प्रयास नहीं हुए। मामले को लेकर श्रम संगठनों ने कई बार प्रबंधन का ध्यानाकृर्षित करवाया, किन्तु कोई सार्थक परिणाम सामने नहीं आए।
पेेंचक्षेत्र की सबसे बड़ी ओपन कास्ट उरधन है। जिससे कास्ट प्लस के तहत बरोरा पावर प्लांट से अनुबंध कर शुरू किया गया। ओसीएम खुलने से पहले ही कोयला मंत्री प्रहलाद पटेल और पूर्व केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ ने अलग- अलग दो बार भूमिपूजन किया है। धनकसा भूमिगत कोयला खदान के भूमिपूजन के बाद इसका काम तेजी से शुरू हुआ। हालाकि बाद में बरोरा पावर प्लांट की सप्लाई रूकने के बाद यहां का कोयला अन्यत्र सप्लाई करना वेकोलि के लिए बड़ी चुनौति बन गया। अभी भी यहां लगभग 90 हजार टन का कोल स्टाक है।
श्रम संगठन का कहना
श्रम संगठन बीएमएस के महामंत्री कुंवर सिंह कहते हैं कि उरधन ओसीएम के कोल स्टाक में लम्बे समय से आग भड़कती रही, किन्तु प्रबंधन ने उसे बुझाने का उच्च स्तरीय प्रयास नहीं किया। वहीं अब कोयला उत्पादन बंद होने से क्षेत्र लगातार घाटे की ओर बढ़ रहा है। जिससे आंदोलनात्मक रूख अपनाकर खदान को चालू करवाने का प्रयास किया गया है।
प्रबंधन का कहना
पेंचक्षेत्र के महाप्रबंधक ऑपरेशन एसके सिंहा कहते हैं कि उरधन ओसीएम एकेसी एडं एसआईजी के ज्वांइट टेंडर में वर्ष 2017-18 एवं 18-19 के परफामेंस की पूर्ण जानकारी वेकोलि मुख्यालय नागपुर को भेजी गई है। जिसके आधार पर अनुमति मिलने से आगामी 15 अक्टूबर से उसमें उत्पादन शुरू हो जाएगा।
Created On :   26 Sept 2018 6:54 PM IST