नगरीय निकाय सीमा और हाईवे के पास भी मिल सकेंगे गरीबों को पट्टे, अध्यादेश जारी

urban body boundary and highway lands will given on lease to poor
नगरीय निकाय सीमा और हाईवे के पास भी मिल सकेंगे गरीबों को पट्टे, अध्यादेश जारी
नगरीय निकाय सीमा और हाईवे के पास भी मिल सकेंगे गरीबों को पट्टे, अध्यादेश जारी

डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रदेश में अब नगरीय निकायों की सीमा पर नेशनल और स्टेट हाईवे के पास सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर काबिज गरीब लोगों को भी मालिकाना हक देने संबंधी पट्टे दिए जाएंगे। इस हेतु राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने 48 साल पहले बने मप्र ग्रामों में की दखलरहित भूमि विशेष उपबंध अधिनियम 1970 में संशोधन करने संबंधी अध्यादेश जारी कर दिया है। 

ज्ञातव्य है कि पहले प्रावधान था कि नगर निगम सीमा से 16 किलोमीटर, नगरपालिका सीमा से 8 किलोमीटर तथा नगर परिषद सीमा से 3 किलोमीटर दूर तक और नेशनल हाईवे व स्टेट हाईवे के दोनों ओर एक किलोमीटर दूर तक काबिज लोगों को भूमि के पट्टे नहीं दिए जाएंगे। चूंकि वर्षों से कई किसान एवं गरीब लोग उक्त सीमाओं में कब्जा कर घर बनाए हुए थे और उन्हें कानून में प्रावधान न होने के कारण मालिकाना हक देने संबंधी कार्यवाही नहीं हो पा रही थी इसलिए यह अध्यादेश लाया गया है। 

अध्यादेश में जहां नगरीय निकाय सीमा का क्रमश: 16,8 व 3 किलोमीटर का प्रावधान हटा दिया गया है वहीं नेशनल व स्टेट हाईवे के दोनों ओर एक किलोमीटर के स्थान पर 500 मीटर दूरी के बाद काबिज लोगों को पट्टे देने का नया प्रावधान कर दिया गया है। नवीन प्रावधान में विकास योजना क्षेत्र और मप्र नगरीय क्षेत्र के भूमिहीन व्यक्ति पट्टाधृति अधिकारों का प्रदान किया जाना अधिनियम 1984 के प्रवर्तन के क्षेत्र को भी गरीबों को पट्टे देने का प्रावधान कर दिया गया है। अध्यादेश में यह भी प्रावधान किया गया है कि तहसीलदार सिर्फ 60 वर्ग मीटर तक की दखलरहित भूमि का किसानों व गरीबों को आवंटन कर सकेगा।

इनका कहना है...
‘नगरीय निकायों की सीमा पर सरकारी भूमि पर बसे लोगों को मालिकानाहक संबंधी पट्टे नहीं मिल पा रहे थे. इसीलिए यह नया अध्यादेश जारी किया गया है।’ 
(अनुराग सक्सेना उप सचिव राजस्व विभाग)

Created On :   6 May 2018 1:30 PM IST

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