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राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण में रिक्त पदों को 6 सप्ताह में भरा जाएगा

डिजिटल डेस्क, मुंबई । राज्य सरकार ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण में रिक्त पदों को सरकार की नीति के तहत 6 सप्ताह में भरा जाएगा। सरकारी वकील रीना सांलुखे ने हाईकोर्ट को यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण के लिए मंजूर किए गए रिक्त पदों को भरने के लिए शीघ्रता से ठोस कदम उठाए जाएगे और 6 सप्ताह में प्राधिकरण में खाली पदों को भरने का प्रयास किया जाएगा। प्राधिकरण में रिक्त पदों को भरने की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। इसके जवाब में राज्य सरकार के गृह विभाग के संयुक्त सचिव ने हलफनामा दायर किया है। जिसके मुताबिक रिक्त पदों को शीघ्रता से भरा जाएगा।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता यशोदीप देशमुख ने कहा कि सरकार की ओर से जो हलफनामा दायर किया गया है वह विभागीय स्तर पर पुलिस शिकायत प्राधिकरण में रिक्त पदों को भरने के मुद्दे पर पूरी तरह से मौन है। इस पर खंडपीठ ने सरकारी वकील को अगली सुनवाई के दौरान इस विषय को लेकर अतिरिक्त हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। खंडपीठ ने हलफनामे में सरकार को रिक्त पदों को कब तक भरा जाएगा इसका खुलासा करने को कहा है। खंडपीठ ने अब 14 नवंबर को इस याचिका पर सुनवाई रखी है। याचिका में प्राधिकरण के रिक्त पदों को भरने के साथ ही समय पर पर्याप्त निधि जारी करने व उसकी वेबसाइट बनाने का निर्देश देने की मांग की गई है। राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण में मुख्य रुप से पुलिस के कामकाज को लेकर की जानेवाली शिकायतों पर सुनवाई की जाती है। एक तरह से यह प्राधिकरण आम लोगों के पास पुलिस की बर्बरता के खिलाफ शिकायत करने का मंच है।
याचिका में प्राधिकरण के चेयरमैन व उसके सदस्यों के वेतनमान तथा भत्ते से जुड़ी विसंगति को दूर करने का भी निर्देश देने का आग्रह किया गया है। याचिका में कहा गया है कि प्राधिकरण को जरुरी संसाधन उपलब्ध कराए जाए।ताकि वह प्रभावी ढंग से अपना कामकाज कर सके। याचिका के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने प्रकाश सिंह मामले में सभी राज्यों को राज्य व विभागीय पुलिस शिकायत प्राधिकरण के गठन करने का निर्देश दिया है। याचिका में सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के आधार पर कहा गया है कि निधी व पर्याप्त स्टाफ के अभाव के चलते प्राधिकरण पूर्ण रुप से अपना कामकाज नहीं कर पा रहा है। याचिका में दावा किया गया है कि राज्य में विभागीय स्तर पर सिर्फ चार पुलिस शिकायत प्राधिकरण कार्यरत है। दूसरे विभागीय पुलिस शिकायत प्राधिकरण में नई नियुक्तियां नहीं किए जाने के चलते वहां का कामकाज ठप पड़ा है। याचिका में दावा किया गया है कि राज्य प्राधिकरण के 25 पदों में से सिर्फ चेयरमैन व सदस्य सचिव के पद नियमित तौर पर भरे जाते है। याचिका में प्राधिकरण के सदस्यों व स्टाफ के रिक्त पदों के मुद्दे को उठाया गया है।
Created On :   1 Oct 2022 6:38 PM IST