वाड्रा को गिरफ्तारी का डर, पटियाला हाउस कोर्ट में लगाई अग्रिम जमानत की याचिका

Vadra moves Delhi court seeking anticipatory bail in money laundering case
वाड्रा को गिरफ्तारी का डर, पटियाला हाउस कोर्ट में लगाई अग्रिम जमानत की याचिका
वाड्रा को गिरफ्तारी का डर, पटियाला हाउस कोर्ट में लगाई अग्रिम जमानत की याचिका
हाईलाइट
  • ED का दावा है कि इस संपत्ति के असल मालिक वाड्रा हैं।
  • दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में रॉबर्ट वाड्रा ने अग्रिम जमानत की याचिका दायर की है।
  • ये याचिका लंदन के 12
  • ब्रायनस्टन स्क्वेयर स्थित एक प्रॉपर्टी की खरीदारी से जुड़े मामले में दायर की गई है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में रॉबर्ट वाड्रा ने अग्रिम जमानत की याचिका दायर की है। ये याचिका लंदन के 12, ब्रायनस्टन स्क्वेयर स्थित 19 लाख पाउंड (करीब 17 करोड़ रुपये) की एक प्रॉपर्टी की खरीदारी से जुड़े मामले में दायर की गई है। ED का दावा है कि इस संपत्ति के असल मालिक  कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई वाड्रा हैं।

प्रॉसिक्यूशन टीम के एक वकील ने वाड्रा के अग्रिम जमानत मांगने की याचिका दायर करने की पुष्टी की है। इसी मामले में वाड्रा के करीबी सहयोगी मनोज अरोड़ा को अदालत पहले ही 6 फरवरी तक गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दे चुका है। 19 जनवरी को ED ने अदालत को बताया था कि अरोड़ा जांच में सहयोग कर रहे हैं। अरोड़ा ने पहले अदालत में आरोप लगाया था कि NDA सरकार ने उन पर "राजनीतिक प्रतिशोध" के तहत मुकदमा दायर किया है। हालांकि, ED ने इन आरोपों का खंडन किया था।

एजेंसी ने कोर्ट को बताया था कि फरार हथियार डीलर संजय भंडारी के खिलाफ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ब्लैक मनी एक्ट और टैक्स लॉ के तहत दायर मामले की जांच कर रहा था। इस जांच के दौरान अरोड़ा का नाम सामने आया था जिसके बाद उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया था। यह आरोप लगाया गया था कि लंदन स्थित संपत्ति को 19 लाख पाउंड (करीब 17 करोड़ रुपये) में भंडारी ने खरीदा था। 2010 में इस संपत्ति को रिनोवेशन पर लगभग 65,900 पाउंड का अतिरिक्त खर्चा होने के बावजूद उतनी ही कीमत पर बेच दिया गया था। वाड्रा के नियंत्रण वाली एक फर्म को ये संपत्ति बेची गई थी।

ED ने अदालत से कहा था, "यह इस तथ्य को और भी ज्यादा मजबूत करता है कि भंडारी संपत्ति के वास्तविक मालिक नहीं थे, लेकिन यह वाड्रा के स्वामित्व में था, जो इस संपत्ति के नवीकरण पर खर्च कर रहे थे।" वाड्रा के स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी एलएलपी के एक कर्मचारी अरोड़ा इस मामले में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति है। उन्हें विदेशी अघोषित संपत्ति के बारे में पता था।

Created On :   1 Feb 2019 5:33 PM GMT

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