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विद्यार्थियों की प्लेट में अब तक नहीं पहुंची सब्जी-रोटी

डिजिटल डेस्क, अमरावती | पोषण आहार के तहत बच्चों की थाली में दाल- सब्जी नहीं पहुंच पाई है। अब तक सरकारी शालाओं में छात्रों को पोषण आहार के रूप में वितरित खिचड़ी प्रथा को बंद करने का फैसला सरकार द्वारा वर्ष 2019 में किया गया था। इसके तहत उसी वर्ष जून माह में नए सिरे से शुरू होनेवाली सरकारी शालाओं में खिचड़ी के बजाए दाल, रोटी, चावल सहित फल वितरित किया जाना था। लेकिन शिक्षा विभाग की लचर प्रणाली के चलते पोषण आहार का मेनू अभी तक बदल नहीं पाया और विद्यार्थियों को केवल खिचड़ी दी जाती है।
जानकारी के मुताबिक विगत वर्ष 2002 के पूर्व सरकारी शाला में छात्रों को प्रतिमाह चार किलो चावल की थैली का वितरण किया जाता था। परंतु वितरित चावल में कई तरह के घोटाले सामने आने के बाद छात्रों को शाला में ही चावल पकाकर खिचड़ी देने का प्रस्ताव लिया गया। परंतु जिला परिषद व मनपा की सरकारी शाला में करोड़ों रुपए का निधि प्रावधान रहने के बावजूद खिचड़ी यह छात्रों के लिए पोषण आहार परिपूर्ण तत्व नहीं है। इस विषय को गंभीरता से लेते हुए जिले के विविध संगठनों द्वारा की गई मांग पर राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था। जिसे मंजूरी मिले दो वर्ष बीत चुके हंै। इस बीच कोरोना संक्रमण के चलते एक वर्ष से स्कूल बंद भी है। स्थिति नियंत्रित होने के बाद क्या छात्रों को नए मेनू के तौर पर पोषण आहार दिया जाएगा। इसको लेकर अभी भी शिक्षा विभाग की ओर से स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
Created On :   27 Jan 2022 12:47 PM IST