पदभार संभालते ही विवादों में घिरे कुलगुरु डॉ.सुभाष चौधरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के नए कुलगुरु डॉ.सुभाष चौधरी पदभार संभालते ही विवादों में घिर गए हैं। उनके प्रतिद्वंद्वियों का आरोप है कि उन्हें यह नियुक्ति भाजपा नेतृत्ववाली संगठन शिक्षण मंच से अच्छे संबंधों के कारण मिली है। इस पर डॉ.चौधरी ने खुल कर अपना पक्ष रखा।
उन्होंने कहा कि यह उनकी छवि मलिन करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि कुलगुरु की नियुक्ति प्रक्रिया तीन चरणों में मेरिट के आधार पर होती है। जहां 130 उम्मीदवारों में उन्हें टॉप 30 में चुना गया। इसके बाद एक पूर्व जज, शिक्षाविद और प्रशासनिक अधिकारी की समिति ने साक्षात्कार लेकर टॉप पांच में चुना और अंतत: राज्यपाल ने साक्षात्कार लेकर चयन किया। डॉ.चौधरी ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में शिक्षण मंच के दखल का सवाल ही खड़ा नहीं होता। इसके पूर्व से नागपुर यूनिवर्सिटी के प्रकुलगुरु चुने गए, तब किसी ने आपत्ति नहीं ली।
गडकरी से मुलाकात अनौपचारिक
8 अगस्त को चयन होने के अगले दिन डॉ.चौधरी ने केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी के निवासस्थान पर पहुंच कर उनसे मुलाकात की थी। इसके बाद उनके भाजपा के करीबी होने की चर्चा को हवा मिल गई। डॉ.चौधरी के अनुसार, यह एक अनौपचारिक मुलाकात थी। सामाजिक संबंधों के चलते कई क्षेत्र की हस्तियों से मिलना-जुलना होता है। इसे राजनीतिक संबंध के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
Created On :   13 Aug 2020 12:11 PM IST