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युवा सेना की किचन कैबिनेट में तय किए जाएंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति

डिजिटल डेस्क,मुंबई। प्रदेश के विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति संबंधी प्रदेश सरकार के फैसले को लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं। गुरुवार को भाजपा विधायक आशीष शेलार ने कहा कि विश्वविद्यालयों के कुलपति अब युवा सेना के किचन कैबिनेट में तय किए जाएंगे। क्योंकि राज्य सरकार ने विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति का अधिकार राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से अपने पास ले लिया है। सरकार ने राज्यपाल के अधिकारों में कौटती की है।
शेलार ने दावा किया कि सरकार ने विश्वविद्यालयों में कुलपति पद पर निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे जैसे किसी व्यक्ति को नियुक्त करने के लिए यह अधिकार अपने पास लिया है। शेलार ने कहा कि बुधवार के मंत्रिमंडल के फैसले के तहत विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति के लिए राज्य सरकार राज्यपाल के पास दो नामों की सिफारिश भेजेगी। जिसके बाद राज्यपाल को कुलपति पद के लिए दो में एक नाम तय करना होगा। जबकि पहले राज्यपाल के पास सीधे कुलपति की नियुक्ति का अधिकार था। सरकार का यह फैसला विश्वविद्यालयों के स्वायत्ता पर आक्रामण है। शेलार ने कहा कि सरकार ने मुंबई विश्वविद्यालय के करोड़ रुपए के भूखंड को लूटने के लिए विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन करने की शुरुआत कर दी है। मुंबई विश्वविद्यालय की जमीन को एसआरएस परियोजना और कुछ गैर पंजीकृत संस्थाओं को देने की साजिश है। शेलार ने बताया कि प्रदेश भाजपा के युवा मोर्चा की ओर से विश्वविद्यालय बचाओ अभियान चलाया जाएगा।
राज्यपाल के अधिकार में कटौती नहीं- सामंत
शेलार के आरोपों पर प्रदेश के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने जवाब दिया है। सामंत ने कहा कि सरकार के फैसले को लेकर गलतफहमी फैलाई जा रही है। राज्य सरकार ने राज्यपाल के अधिकारों में कोई कटौती नहीं की है। राज्यपाल ही विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति करेंगे। सामंत ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सिफारिश भेजी जाती है।
राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की इसी प्रक्रिया को अपनाया है। अब शेलार को भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की इस नीति पर आपत्ति है क्या? सामंत ने कहा कि यदि शेलार ने साबित कर दिया कि मैंने मुंबई विश्वविद्यालय की जमीन को एसआरएस परियोजना के लिए आवंटित की है तो मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा। सामंत ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालय की जमीन को चिन्हित करने के लिए ड्रोन से सर्वे कराए जाएंगे। विश्वविद्यालय की जमीनों का केवल शैक्षणिक कार्य के लिए ही किया जा सकेगा।
कुलपति की नियुक्ति में नहीं होगा सरकार का हस्तक्षेप- उपमुख्यमंत्री
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति में राज्य सरकार का हस्तक्षेप नहीं होगा। उन्होंने कहा कि चयन समिति कुलपति पद पर नियुक्ति के लिए राज्य सरकार को पांच नामों की सिफारिश करेगी। जिसमें से दो नामों को सरकार राज्यपाल के पास भेजेगी। जिसके बाद राज्यपाल कुलपति पद पर नियुक्ति करेंगे। कुलपति के लिए राज्यपाल के पास ही अंतिम फैसला लेने का अधिकार होगा। भाजपा का नाम लिए बिना उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों को फिलहाल आरोप लगाने के और कोई काम नहीं बचा है।
12 विधायकों को नियुक्त न करना कौन से नियम के दायरे में आता है?
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा कुलपति के नियुक्ति को लेकर सरकार पर सवाल उठा रही है लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोश्यारी को विधान परिषद की राज्यपाल कोटे की 12 सीटों पर नियुक्ति के लिए प्रस्ताव भेजा है। इस पर राज्यपाल ने एक साल बाद भी कोई फैसला नहीं लिया है। यह कौन से नियम के दायरे में आता है? राज्यपाल की यह भूमिका उचित है क्या? लोकतंत्र में ऐसा चलता है क्या?
Created On :   16 Dec 2021 8:24 PM IST