अवैध शराब बिक्री : अब शराब विक्रेताओं को नहीं मिलेंगे ग्राम पंचायत से दाखिले

Villagers protest against liquor with womens and children
अवैध शराब बिक्री : अब शराब विक्रेताओं को नहीं मिलेंगे ग्राम पंचायत से दाखिले
अवैध शराब बिक्री : अब शराब विक्रेताओं को नहीं मिलेंगे ग्राम पंचायत से दाखिले

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। राज्य के आखिरी छोर पर बसे गड़चिरोली जिले में शराबबंदी लागू होने के बावजूद भी जिले में धडल्ले से अवैध शराब बिक्री हो रही है। इस व्यवसाय से गांव में शांतता व सुव्यवस्था कायम रखने में मुश्किल हो रही है। फलस्वरूप गांव में पूर्णत: शराब बिक्री बंद करने के लिये देसाईगंज तहसील की विसोरा ग्राम पंचायत ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। गांव में शराब बेचने वालों को ग्राम पंचायत का कोई भी दाखिला नहीं मिलेगा। ऐसा निर्णय लिया गया है। फलस्वरूप अवैध शराब विक्रेताओं में खलबली मच गई है। वहीं अन्य गांवों के लिए विरोसा ग्राम पंचायत का निर्णय एक मिसाल साबित हो रहा है।

गौरतलब है कि, गड़चिरोली जिले में वर्ष 1992 में शराबबंदी कानून लागु किया गया है। किंतु इस कानून पर कड़ाई से अंमल नहीं हो पाने के कारण वर्तमान स्थिति में जिले में शराब की नदियां बहते दिखाई दे रही है। पहले जिले से सटे चंद्रपुर जिले से शराब की तस्करी होती थी। मात्र राज्य सरकार द्वारा चंद्रपुर जिले में शराबबंदी लागु किए जाने के बाद अब जिले से सटे, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और गोंदिया, भंडारा जिले शराब की तस्करी हो रही है। देसाईगंज तहसील भंडारा, गोंदिया जिले से करीब होने के कारण यहां के शराब तस्कर बड़े पैमाने पर शराब की तस्करी कर स्थानीय चिल्लर विक्रेताओं को शराब वितरित कर रहे है।

शराब विक्रेता गांव-गांव में चोरी-छिपे शराब का व्यवसाय कर रहे है। तहसील के सबसे बड़े गांव के रूप में पहचाने जानेवाले विसोरा गांव में भी यह व्यवसाय काफी फलफुल गया था। जिसके कारण गांव में शांतता और सुव्यवस्था का प्रश्र निर्माण हो गया था। फलस्वरूप गांव में पूर्णत: शराबबंदी करने के लिये ग्रापं के पदाधिकारी और महिला वर्ग ने विशेष सभा का आयोजन किया। और सभा में शराब बेचनेवालों को ग्रापं के दाखिले न देने का प्रस्ताव पारित किया है। ग्राम पंचायत के इस महत्वपूर्ण निर्णय के बाद अब  गंाव में पूर्णत: शराब बिक्री बंद होने की जानकारी मिली है। वहीं विसोरा ग्राम पंचायत का यह निर्णय अन्य ग्राम पंचायतों के लिये कारगर साबित होने की बात कही जा रही है।

शराबबंदी करना था जरूरी
विसोरा गांव के सरपंच मंगला देवढगले ने मामले में कहा कि विसोरा ग्राम में धडल्ले से शराबबंदी हो रही थी। अनेक बार चेतावनी देने के बाद भी शराब विक्रेता अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे थे। फलस्वरूप गांव में पूर्णत: शराबबंदी करने के लिये यह निर्णय लेना पड़ा। इस निर्णय के बाद हमारा मकसद पूर्ण होते दिखाई दे रहा है।

Created On :   23 Feb 2018 11:50 PM IST

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