NCP के टिकट पर वाराणसी से  विधानसभा चुनाव लड़ चुका है विनय दुबे

Vinay Dubey has contested assembly elections from Varanasi on NCP ticket
NCP के टिकट पर वाराणसी से  विधानसभा चुनाव लड़ चुका है विनय दुबे
NCP के टिकट पर वाराणसी से  विधानसभा चुनाव लड़ चुका है विनय दुबे

डिजिटल डेस्क,मुंबई।  राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी)के प्रवक्ता व राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक ने बुधवार को कहा कि अफवाह फैलाने के आरोप में गिरफ्तार विनय दुबे का उनकी पार्टी से कोई संबंध नहीं है। जबकि दुबे उत्तर प्रदेश की वाराणसी उत्तर विधानसभा सीट से 2012 मेंएनसीपी उम्मीदवार के तौर पर विधानसभा चुनाव लड़ चुका है।  

 दरअसल सोशल मीडिया पर दुबे की गृह मंत्री अनिल देशमुख के साथ तस्वीरें वायरल हो रही हैं और दावा किया जा रहा है कि वह राकांपा का नेता है।मलिक ने कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि दुबे राकांपा कार्यकर्ता है लेकिन यह पार्टी की छवि खराब करने की साजिश है। मूलरुप से उत्तर प्रदेश के संत रविदास नगर (भदोही) का निवासी दुबे नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के उम्मीदवार के तौर पर वाराणसी से विधानसभा चुनाव लड़ा था। उस वक्त उसे 569 वोट मिले थे और उसकी जमानत जब्त हो गई थी। मुंबई के बांद्रा में मजदूरी की भारी भीड़ जुटने के पीछे विनय दुबे का हाथ होने का आरोप लगाए जा रहे हैं।

वाट्सअप एडमिन के खिलाफ कार्रवाई का फैसला सहीः हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि पुलिस की ओर से सोशल मीडिया में कोरोना को लेकर गलत व आधी- अधूरी जानकारी को रोकने के संबंध में जारी किया गया आदेश प्रथम दृष्ट्या सही नजर आ रहा है। यह लोगों के हित को संरक्षित करता है। मुंबई पुलिस ने फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम सहित सोशल मीडिया में गलत जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर निर्देश जारी किया है। जिसके अंतर्गत व्हाट्सएप पर गलत जानकारी फैलाने के लिए एडमिन के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। पुलिस के इस आदेश के खिलाफ आर. पंकज ने हाई कोर्ट मे याचिका दायर की है। 

न्यायमूर्ति आर के देशपांडे के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि प्रथम दृष्ट्या पुलिस ने लोगों को कोरोना से जुड़ी गलत व आधी-अधूरी जानकारी से बचाने के लिए सोशल मीडिया पर फर्जी सूचनाएं फैलानेवालों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान किया है। लिहाज याचिका में उठाए गए मुद्दे पर तत्काल सुनवाई की जरूरत नजर नहीं आ रही है। इस तरह से हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया और याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी।  

Created On :   15 April 2020 10:05 PM IST

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