हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन, नहीं हटा अतिक्रमण

Violation of the order of the High Court, not removed, encroachment
हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन, नहीं हटा अतिक्रमण
हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन, नहीं हटा अतिक्रमण

डिजिटल डेस्क,सतना। जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी शहर के बाद भी शहर के वार्ड नबंर 14 में किए गए अतिक्रमण को नहीं हटाया गया है। कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के लिए 6 महीने का वक्त दिया था। इसके बावजूद तय समय सीमा से एक महीना ज्यादा होने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

दरअसल नई बस्ती वार्ड नंबर 14 में आम रास्तों और अन्य शासकीय जमीनों के अलावा सार्वजनिक प्रयोजन के अन्य स्थानों पर किए गए अवैध निर्माण और अतिक्रमण के को लेकर राजेश गौतम ने जबलपुर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 2 दिसंबर 2016 को आदेश दिया था कि कलेक्टर एवं कमिश्नर नगर निगम 6 महीने में संबंधित क्षेत्र से अतिक्रमण हटा कर सार्वजनिक एवं शासकीय भूमियों को बेजा कब्ज़ा से मुक्त कराएं। 

हाईकोर्ट की दी गई मियाद से एक महीना ज्यादा होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। नई बस्ती को अतिक्रमण मुक्त तो नहीं कराया जा सका बल्कि यहां सक्रिय भू माफिया के जरिए पार्क और अन्य सार्वजनिक रास्तों को बेजा निर्माण करा कर बंद करा दिया गया। याचिकाकर्ता राजेश गौतम ने बताया कि इस बीच कई बार कलेक्टर एवं नगर निगम आयुक्त से हाईकोर्ट के आदेश का पालन कराने का आग्रह किया गया, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया।

सरकारी जमीन पर प्लॉटिंग

याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को यह भी बताया था कि यहां पार्क और रास्ते पर तो कब्जा किया ही गया है ,बिजली के खंभे और ट्रांस्फॉर्मर को भी नहीं छोड़ा गया। नई बस्ती में पड़ी कई एकड़ सरकारी जमीन को निजी कब्जे में ले लिया गया है और यहां इसी सरकारी जमीन पर प्लॉटिंग कर उसे बेचा जा रहा है। इस मामले में कई बार पूर्व पार्षद रामपाल यादव के खिलाफ शिकायत स्थानीय प्रशासन से भी की जा चुकी है लेकिन राजनैतिक दबाव के कारण उस पर कार्रवाई नहीं हुई।

Created On :   30 July 2017 5:08 AM GMT

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