मध्य प्रदेश : नगरीय और पंचायत चुनावों में उपयोग नहीं होगा VVPAT

VVPAT will not be used in urban and panchayat elections of mp
मध्य प्रदेश : नगरीय और पंचायत चुनावों में उपयोग नहीं होगा VVPAT
मध्य प्रदेश : नगरीय और पंचायत चुनावों में उपयोग नहीं होगा VVPAT
हाईलाइट
  • इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों यानि EVM का उपयोग वर्ष 1998 से विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों हेतु हुआ था
  • प्रदेश के नगरीय एवं पंचायत चुनावों में इसका उपयोग सोलह साल बाद वर्ष 2014 से प्रारंभ हो पाया।
  • वोटर वेरिएबल पेपर आडिट ट्रेल यानि VVPAT का उपयोग फिलहाल चुनावों में नहीं हो पाएगा।
  • अब EVM के साथ VVPAT का भी विधानसभा व लोकसभा चुनावों में होने लगा है।
  • इसी वजह से नगरीय एवं पंचायत चुनावों में इसका उपयोग होने में ऐसा

डिजिटल डेस्क, भोपाल। वोटर वेरिएबल पेपर आडिट ट्रेल यानि VVPAT का उपयोग फिलहाल त्रिस्तरीय नगरीय निकायों एवं पंचायतीराज संस्थाओं के चुनावों में नहीं हो पाएगा। इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों यानि EVM का उपयोग वर्ष 1998 से विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों हेतु हुआ था और प्रदेश के नगरीय एवं पंचायत चुनावों में इसका उपयोग सोलह साल बाद वर्ष 2014 से प्रारंभ हो पाया। चूंकि अब EVM के साथ VVPAT का भी विधानसभा व लोकसभा चुनावों में होने लगा है, इसलिए नगरीय एवं पंचायत चुनावों में इसका उपयोग होने में ऐसा ही समय लगने वाला है, क्योंकि विधानसभा व लोकसभा चुनावों की EVM अलग होती हैं जबकि नगरीय व पंचायत चुनावों की EVM अलग।

नगरीय एवं पंचायत चुनाव कराने वाला राज्य निर्वाचन आयोग अपनी EVM मशीनों के साथ VVPAT को जोड़ने के लिए प्रयास कर रहा है, लेकिन अभी VVPAT बनाने वाले भारत सरकार के उपक्रम इसके लिए तैयार नहीं हैं क्योंकि अभी उनके समक्ष विधानसभा व लोकसभा चुनाव की EVM मशीनों के साथ VVPAT जोड़ने का काम मिला हुआ है। नगरीय एवं पंचायत चुनावों में उपयोग में आने वाली EVM मशीन में 60 उम्मीदवार के नाम जुड़ सकते हैं जिसमें से 59 का उपयोग होता है और एक स्थान नोटा के लिए रखना होता है। यही नहीं, जिस नगरीय या पंचायत क्षेत्र में साठ उम्मीदार से ज्यादा होते हैं वहां मतपत्रों के माध्यम से बेलेट बाक्स के जरिए चुनाव कराना पड़ता है।

नियमों में करना पड़ा प्रावधान
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से अब तक नगरीय में नोटा का उपयोग प्रारंभ कर दिया गया था परन्तु 24 साल पहले बने मप्र नगर पालिका निर्वाचन नियम 1994 में इसका विधिवत प्रावधान नहीं किया गया था। अब नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इसका प्रावधान कर दिया है।

अंग्रेजी वर्णमाला का भी हुआ नया प्रावधान
अब प्रदेश के नगरीय एवं पंचायत चुनावों में उम्मीदवारों को एक ही फार्म में अंग्रेजी भाषा में अपना नाम भी देना होगा। पहले उनसे अलग फार्म में अंग्रेजी भाषा में नाम लिया जाता था। अंग्रेजी वर्णमाला के अनुसार ही EVM या मतपत्र में उम्मीदवार का नाम क्रमानुसार लिखे जाएंगे अर्थात जिस उम्मीदवार का नाम ए से होगा उसका नाम पहले लिखा जाएगा। इसके लिए भी राज्य सरकार ने नियमों में संशोधन कर नया प्रावधान कर दिया है।

राज्य निर्वाचन आयोग भोपाल के उप सचिव दीपक सक्सेना ने मामले में कहा, ‘‘हमारी EVM अलग हैं और इनकी डिजाईन भी अलग, इसलिए इनसे VVPAT को जोड़ने के लिए काफी समय लगेगा। नोटा का प्रावधान नियमों में नहीं था जिसे अब राज्य सरकार ने कर दिया है। हांलाकि हम लोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले से ही इसका उपयोग कर रहे हैं। उम्मीदवारों को अब एक ही नामांकन-पत्र में अपना नाम हिन्दी के अलावा अंग्रेजी भाषा में देना होगा जिससे अंग्रेजी वर्णमाला के क्रम से उनका नाम EVM या मतपत्र में क्रमानुसार दिया जा सके। आने वाले अगस्त माह में सात नगरीय निकायों के आम चुनाव हैं, जिसमें इन नए प्रावधानों का उपयोग होगा।’’

Created On :   5 July 2018 5:53 AM GMT

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