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ग्रामीणों पर हमला करने वाले बाघ को पकड़ने NTPC की अनुमति का इंतजार

भास्कर संवाददाता कटनी । यहां आतंक का पर्याय बन चुके बाघ को पकडऩे के लिए एनटीसीए की अनुमति का इंतजार किया जा रहा है । जब अनुमति नहीं मिलती तब तक यहां के ग्रामीणों को भय के साये में ही जीना पड़ेगा । बाघ के आतंक के कारण आदिवासियों का जीना मुश्किल हो गया है । बरही वन परिक्षेत्र में लगातार बाघ की चहलकदमी से दर्जनों गावों में दहशत का माहौल है। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी की अनुमति मिलते ही बाघ को पकडऩे या शिफ्टिंग की कार्रवाई संभव हो पाएगी। वन विभाग के ऑडिटोरियम में गुरुवार को वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के एक्सपर्ट ने छह रेंज के 30 कर्मियों को वन्य जीव की सुरक्षा पर सुझाव दिए। दो दिन एक्सपर्ट सभी कर्मियो को वन्य प्राणी अपराधों के रोकथाम और न्यायालयीन प्रकरणों पर प्रशिक्षण देगे।
-डीएफओ ने लिखा पत्र
डीएफओ अजय कुमार पांडेय ने बाघ को पकडऩे के लिए नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी को पत्र लिखा है। वन विभाग के अफसरों ने बताया कि जब तक एनटीसीए से कोई अनुमति नहीं मिलेगी, तब तक न बाघ को पकड़ा जा सकता है और न ही उसे किसी दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जा सकता है। विभाग को एनटीसीए के आदेश का इंतजार है।
-वन्य प्राणियों की सुरक्षा पर दिए टिप्स
गुरुवार को विभाग के ऑडिटोरियम में वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (डब्ल्यूटीआई) दिल्ली की प्रेरणा पवार, सनी शाह, यश कुमार (उमरिया) एवं एसटीएफ (एसीएफ जबलपुर) आर के अवधिया ने जिले के छह रेंज के तीस कर्मियों को टिप्स दिए। प्रशिक्षण शिविर शुक्रवार तक चलेगा। शिविर में वन कर्मियों को वन्य प्राणियों की सुरक्षा एवं न्नायालयीन प्रकरणों ज्यादा से ज्यादा सजा दिलाने की बात बताई गई। शिविर में छह रेंज के पांच-पांच कर्मियों को शामिल किया है।
इनका कहना है
बाघ को पकडऩे या शिफ्टिंग का कोई आदेश नहीं मिला है। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी को पत्र लिखा गया है। अनुमति मिलते ही कार्रवाई शुरु कर दी जाएंगी।
अजय कुमार पांडेय, डीएफओ

Created On :   12 April 2018 6:15 PM IST