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मेट्रो निर्माण कार्य से बिल्डिंग की दीवार में दरार, वाइब्रेशन से बढ़ी परेशानी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मेट्रो प्रोजेेक्ट शुरू होनेे का जहां शहरवासी बेसब्री सेे इंतजार कर रहे हैं वहीं इसके रूट से जुड़े लोगों के लिए यह भारी सिरदर्द बन रहा है। सीए रोड अग्रसेन चौक के पास जारी मेट्रो रेल स्टेशन के निर्माणकार्य से यहां की इमारतों में दरारें आने की शिकायतें सामने आ रही हैं। मित्र कुंज के निवासियों के विरोध के बाद मेट्रो रेल ने इमारत में अस्थायी मरम्मत करने के साथ ही एक अन्य इमारत में विवाद खड़ा होने के पहले ही उसे लोहे के रॉड लगा लगाकर सपोर्ट दे दिया। विवाद के चलते मेट्रो रेल के स्टेशन का काम दो सप्ताह से ज्यादा समय तक नहीं हो सका।
विरोध कायम है
मेट्रो रेल का सीए रोड अग्रसेन चौक के पास पुराना मोटर स्टैंड की जगह पर स्टेशन बनेगा। पिलर के लिए यहां 40-45 फीट गहरे गड्ढे किए गए। इन गड्ढों से इसी से सटी मित्र कुंज इमारत की दीवारों में कंपन (वाइब्रेशन) आया। दीवारों मे में दरारें पड़ीं। छत पर जो वाटर टैंक है, उसका प्लास्टर निकलकर नीचे गिर गया। बाथरूम से स्लैब में गिलापन आने लगा। फ्लैट में रहनेवाले लोगों ने मेट्रो रेल, नासुप्र, मनपा व जिलाधीश कार्यालय में शिकायतें की। मेट्रो रेल ने दरारे भरने के साथ ही मरम्मत भी कराई, लेकिन लोगों का विरोध जारी है। पीड़ित स्टैबिलिटी रिपोर्ट मांग रहा है, जो अब तक उसे नहीं दी गई। दो सप्ताह बाद मेट्रो रेल ने यहां काम तो शुरू कर दिया, लेकिन प्रभावितों का विरोध अब की कायम है।
क्षेत्र की इमारतों में कंपन
इस बीच मेट्रो रेल तकनीकी एक्सपर्ट की टीम ने इसी से सटी छाबरिया भवन का टेस्ट किया। इमारत को बाहर से लोहे के राड लगाकर सपोर्ट दिया गया। स्लैब को भी नीचे से सपोर्ट दिया गया। काम के दौरान इस इमारत को कंपन आता है। साथ ही जगह-जगह प्लास्टर उखड़ने का खतरा है। इसे भांपते हुए मेट्रो रेल ने इमारत के बाहर नेट लगा दी है, ताकि इमारत से खिसकनेवाला प्लास्टर या गिट्टी लोगों पर न गिरे। इमारत के मालिक छाबरिया परिवार का कहना है कि मेट्रो रेल के काम के दौरान इमारत में वाइब्रेशन होता है। प्लास्टर भी उखड़ जाता है, लेकिन मेट्रो रेल ने इमारत को जिस तरह सपोर्ट सिस्टम लगाया आैर नेट से ढंका वह अच्छा प्रयास है। इसलिए मेट्रो रेल से कोई शिकायत नहीं है।
दीवारों में दरारें पड़ीं, स्टेबिलिटी रिपोर्ट भी नहीं दी
मेट्रो रेल ने 40-45 फीट गहरे गड्ढे करने से दीवारों में दरारें आईं। पुलिस आयुक्त से लेकर मेट्रो रेल, जिलाधीश, मनपा आयुक्त, नासुप्र व ठेका कंपनी को शिकायत की, लेकिन किसी ने भी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। इमारत के टूट-फूट पर मरम्मत का भरोसा तो दिया, लेकिन स्टेबिलिटी रिपोर्ट अब तक नहीं दी, जिससे इमारत की क्षमता साबित हो सके।
-तारीक पटेल, मित्र कुंज निवासी
मरम्मत से काम नहीं चल सकता
मेट्रो रेल के स्टेशन के काम के दौरान इमारत में वाइब्रेशन होता है। दीवारों में दरारें आई हैं। मेट्रेा रेल की टीम ने इमारत मुआयना किया, लेकिन तकनीकी रिपोर्ट में क्या है, यह नहीं बताया। मरम्मत तो कर दी, लेकिन इससे काम नहीं चल सकता। आगे भी मरम्मत करके देने का भरोसा दिया है, लेकिन मेट्रो के काम से अन्य को जो परेशानी हुई, उस पर गौर होना चाहिए। शिकायतों पर भी प्रशासन की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया गया।
-चंद्रकांत विद्यार्थी, मित्र कुंज निवासी.
लिमिट में है वाइब्रेशन, टूट-फूट हुई तो दुरुस्त करेंगे
शिकायतें मिलने पर तकनीकी एक्सपर्ट टीम ने मित्र कुंज इमारत का मुआयना किया। वाइब्रेशन विद इन द लिमिट है। जहां-जहां दरारें आई वहां मरम्मत कर दी गई। वाटर टैंक को भी प्लास्टर कर दिया है। वाइब्रेशन है, लेकिन इमारत को नुकसान नहीं पहुंचेगा। जो भी नुकसान होगा, उसकी जिम्मेदारी लेते हुए मरम्मत कर दी जाएगी। तकनीकी एक्स्पर्ट टीम की जांच के बाद छाबरिया भवन की गैलरी व बाहर के हिस्से को सपोर्ट सिस्टम लगा दिया गया है। दीवारों का प्लास्टर या छज्जे व स्लैब से गिट्टी गिरकर लोगों को न लगे, इसलिए इसे हरी नेट से ढंक दिया है। यहां दो सप्ताह तक काम बंद रहा, लेकिन अब काम तेजी से चल रहा है।
-एम. सुरेश, चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर मेट्रो रेल नागपुर.
Created On :   26 Feb 2018 1:33 PM IST