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कांग्रेस-राकांपा से गठबंधन तोड़ शिंदे को सीएम बनाने तैयार थाः उद्धव ठाकरे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पूर्व मुख्यमंत्री तथा शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने दावा किया है कि वह राकांपा और कांग्रेस के साथ गठबंधन तोड़कर शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए तैयार थे। उद्धव ने शिंदे का नाम लिए बिना कहा कि मैंने आखिरी क्षणों में विश्वासघाती से पूछा था कि आपको मुख्यमंत्री बनना है क्या? यदि वे मुझ से ठीक से कह दिए होते तो मैं उन्हें सम्मानपूर्वक मुख्यमंत्री बना देता। उद्धव ने कहा कि उनमें (शिंदे) मुख्यमंत्री बनने की लालसा थी। पर उन्होंने मुख्यमंत्री पद एकदम गलत तरीके से हासिल किया है। अब वे अपनी तुलना शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे से करने लगे हैं। वह अपने गुट को शिवसेना बताने लगे हैं। यह देखने के बाद मुझे नहीं लगता कि भाजपा उन्हें आगे बढ़ाएगी। नहीं तो कल वे अपनी तुलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करने लगेंगे और प्रधानमंत्री पद भी मांगने लगेंगे।
बुधवार को शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए उद्धव के साक्षात्कार के दूसरे भाग को जारी किया गया। इस इंटरव्यू में उद्धव ने कहा कि मैंने उनसे पूछा था कि आपको मुख्यमंत्री बनना है तो मैं राकांपा और कांग्रेस से गठबंधन तोड़ने के लिए तैयार हूं। पर मुझे भाजपा से दो से तीन सवालों का जवाब चाहिए। जिसमें शिवसेना के नेताओं के खिलाफ बेवजह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई, ठाकरे परिवार के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा में टिप्पणी करने और साल 2019 में मुख्यमंत्री पद देने का वादा न निभाने के बारे में सवाल शामिल थे। मैंने उनसे कहा कि मैं राकांपा और कांग्रेस से कह दुंगा कि मेरे लोग आपके साथ खुशी से रहने के लिए तैयार नहीं हैं। लेकिन उनकी मेरे सामने बोलने की हिम्मत नहीं पड़ी। क्योंकि कोई ठोस कारण ही नहीं थे। उद्धव ने कहा कि उन्होंने मुझे बताया कि उनपर शिवसेना के कुछ विधायकों का दबाव है। क्योंकि वह भाजपा के साथ गठबंधन करने की मांग कर रहे हैं। मैंने उनसे कहा कि आप पर दबाव डालने वाले विधायकों को मेरे सामने बुलाइए। लेकिन बागियों ने मेरे सामने आकर आंख में आंख में डालकर बोलने की हिम्मत नहीं दिखाई। क्योंकि उनके मन में पाप था। उद्धव ने कहा कि ढाई साल पहले फडणवीस सरकार के दौरान शिंदे ने एक सभा में कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने मेरे सामने ही इस्तीफा दिया था। उनका आरोप था कि भाजपा शिवसैनिकों पर अत्याचार कर रही है। उनके इस्तीफे वाली वीडियो क्लिप अब वायरल हो रही है। उद्धव ने कहा कि मुझे लगातार आभास कराया जा रहा था कि शिवसेना को कांग्रेस दगा देगी। बागी कह रहे थे कि राकांपा अध्यक्ष शरद पवार की पहचान ही दगाबाजी की है। लेकिन आखिर में मेरे लोगे ने ही मुझ से दगाबाजी की।
दोबारा बनेगा शिवसेना का मुख्यमंत्री
उद्धव ने कहा कि मैं साल 2019 में भाजपा से ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद इसलिए मांगा था क्योंकि मैंने शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे को वचन दिया था कि मैं शिवसेना का मुख्यमंत्री बनाऊंगा। मेरा यह वचन अब भी अधूरा है। क्योंकि मैंने बालासाहब से यह नहीं कहा था कि मैं मुख्यमंत्री बनूंगा। उद्धव ने कहा कि शिवसेना का मुख्यमंत्री दोबारा बनेगा। क्योंकि मेरे द्वारा बालासाहब को दिया हुआ वचन आज भी कायम है। बगावत करके मुख्यमंत्री बनने वाले शिंदे शिवसैनिक नहीं हैं। उद्धव ने कहा कि मैंने साल 2019 में महाविकास आघाड़ी सरकार में मुख्यमंत्री पद एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया था। उद्धव ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री बन भी गया तो बागियों को क्या समस्या थी? बागी जिस बालासाहब की तस्वीरें लगा रहे हैं उसी बालासाहब के बेटे को गद्दी से उतार दिया। उद्धव ने कहा कि मैं अपनी इच्छा से मुख्यमंत्री नहीं बना था। मैं एक जिद से मुख्यमंत्री बना। मैंने ढाई साल तक अपने तरीके से काम किया।
बेनकाब हो चुके हैं बागी विधायक
उद्धव ने कहा कि बीते जून महीने में मैंने विधानसभा में बहुमत परीक्षण का सामना इसलिए नहीं किया कि क्योंकि सदन में शिवसेना का एक भी विधायक मेरे खिलाफ वोट करता तो वह मेरे लिए लज्जास्पद होता। उद्धव ने कहा कि जब शिवसेना का भाजपा के साथ गठबंधन था तो यह बागी विधायक कहते थे कि उन्हें भाजपा परेशान कर रही है। जब शिवसेना ने कांग्रेस और राकांपा के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया तो बागियों ने आरोप लगाया कि उन्हें राकांपा और कांग्रेस से परेशानी हो रही है। आखिर बागी चाहते क्या हैं? शिवसेना के बागी विधायक विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव में बेनकाब हो चुके हैं। शिवसेना के 40 विधायक और 12 सांसदों के बगावत करने के सवाल पर उद्धव ने कहा कि जिन लोगों ने बगावत की है वह ढाई साल पहले चुनावों में हार गए होते तो क्या होता? मैं समझता हूं कि जो लोग ढाई साल पहले पराजित नहीं हुए थे वह अभी हार गए हैं।
विपक्ष में एकजुटता के लिए इच्छा शक्ति चाहिए
उद्धव ने कहा कि दमनशाही के खिलाफ विपक्ष के सभी दलों में एकजुट होने के लिए इच्छा शक्ति होनी चाहिए। यदि विपक्ष के सभी दल एक साथ आते हैं तो उनमें पदों के लिए झगड़ा नहीं होना चाहिए। उद्धव ने कहा कि देश के सभी राज्यों को एकजुट होना चाहिए। मेरी अपेक्षा है कि भाजपा को अधिक शुत्रता बढ़ाए बिना स्वस्थ राजनीति करना चाहिए।
फडणवीस के साथ हुआ बर्ताव, समझ से परे
देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री न बनाए जाने के सवाल पर उद्धव ने कहा कि भाजपा ने उनके साथ ऐसा बर्ताव क्यों किया? यह समझ से परे है। उद्धव ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार बनने के बाद भाजपा ने विधान परिषद में विपक्ष का नेता बाहरी व्यक्ति को बनाया था अब मुख्यमंत्री पद भी बाहरी व्यक्ति को दिया गया। भाजपा के कई निष्ठावान नेता मेरे संपर्क में हैं। उन्हें मौजूदा स्थिति पच नहीं रही है। फिर भी वह पार्टी के लिए निष्ठा से काम कर रहे हैं।
अगस्त से करेंगे महाराष्ट्र का दौरा
उद्धव ने कहा कि मुंबई मनपा के चुनाव में शिवसेना का भगवा दोहरा लहराएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में स्थानीय निकायों के ही नहीं बल्कि विधानसभा चुनाव भी जल्द होने चाहिए। उद्धव ने बताया कि वह अगस्त महीने से महाराष्ट्र के दौरे पर जाएंगे।
Created On :   27 July 2022 7:39 PM IST