अमरावती के 29 गांवों में भीषण जलसंकट, अधिकारियों की मनमानी पर बिफरी कांग्रेस  की सूखा समिति

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अमरावती के 29 गांवों में भीषण जलसंकट, अधिकारियों की मनमानी पर बिफरी कांग्रेस  की सूखा समिति
अमरावती के 29 गांवों में भीषण जलसंकट, अधिकारियों की मनमानी पर बिफरी कांग्रेस  की सूखा समिति

 डिजिटल डेस्क, अमरावती । तिवसा तहसील के 29 गांवों में भीषण जलसंकट का सामना ग्रामीणों को करना पड़ रहा है। इसके चलते एक दिन पूर्व जिलाधीश ने इलाके का दौरा कर अपर वर्धा प्रकल्प से वर्धा नदी में पानी छोड़ने के निर्देश दिए थे। जलसंसाधन विभाग ने बीती रात पानी नहीं छोड़ने से आक्रोशित विधायक यशोमति ठाकुर ने  जलसंपदा विभाग के अधिकारियों को आड़े हाथ लिया। यशोमति ठाकुर का रौद्र रूप देखते हुए इस समय आखिरकार अपर वर्धा प्रकल्प से पानी छोड़ने का फैसला लिया गया।

इस समय विधायक वीरेंद्र जगताप, कांग्रेस प्रवक्ता विजय वडेट्टीवार, अतुल लोंढे, विधायक रणजीत कांबले, जिलाध्यक्ष बबलू देशमुख, जि.प. अध्यक्ष नितिन गोंडाणे मौजूद थे। जलापूर्ति  विभाग के सिंचाई भवन में आयोजित इस बैठक में पालकमंत्री प्रवीण पोटे मौजूद थे। यशोमति ठाकुर ने जलापूर्ति विभाग के मुख्य अभियंता लांडेकर पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह विधायक डॉ. अनिल बोंडे के रिश्तेदार हैं और उनके ही कहने पर पानी नहीं छोड़ा गया है। इस समय उन्होंने आक्रामक भूमिका अपनाते हुए मुख्य अभियंता को निलंबित करने की मांग भी की है। विवाद इतना बढ़ गया कि यशोमति ठाकुर आपे से बाहर हो गईं तथा वह अधिकारियों पर जमकर बिफरी।  इससे माहौल काफी गरमा गया।

मामला बढ़ते देख पालकमंत्री प्रवीण पोटे ने कहा कि उनके निर्देश नहीं रहने से पानी छोड़ा नहीं गया। यह कहते ही विधायक रणजीत पाटिल व विजय वडेट्टीवार ने अपने प्रत्युत्तर में कहा कि पालकमंत्री के अधिकार की जानकारी उन्हें अच्छे से है  पालकमंत्री को अवगत कराते हुए कहा गया कि आचारसंहिता में जनप्रतिनिधि को आदेश देने का अधिकार नहीं होता है। कांग्रेस नेताओं की आक्रमक भूमिका को देखते हुए पालकमंत्री ने बैठक में आगे बोलना टाल दिया। वहीं कांग्रेस नेताओं ने अपर वर्धा प्रकल्प से वर्धा नदी में पानी छोडऩे की मांग पर अड़े रहे। इसे देखते हुए आखिरकार अप्पर वर्धा प्रकल्प से पानी छोडऩे की अनुमति दी गई। इसके बाद कांग्रेस ने अपनी आक्रमक भूमिका वापस ली।

0.20 दलघमी पानी आरक्षित
विगत 31 अक्तूबर 2018 को तिवसा तहसील में जलापूर्ति योजना के लिए तत्कालीन जिलाधीश ओमप्रकाश देशमुख ने 0.20 दलघमी पानी अपर वर्धा प्रकल्प में आरक्षित करने के निर्देश दिए थे। इसके अनुसार वर्तमान जिलाधीश शैलेश नवाल ने सूखे के हालात को देखते हुए इस आदेश को बरकरार रखते हुए प्रकल्प का 0.20 दलघमी पानी तिवसा के लिए छोडऩे के निर्देश सिंचाई विभाग को दिए थे। रविवार रात 12 बजे पानी छोड़ा जाना अपेक्षित था, किंतु पानी छोड़ा नहीं गया। इस बात से खफा विधायक यशोमति ठाकुर पहले जिला कचहरी पहुंचीं और कार्यकर्ताओं के साथ ठिया आंदोलन कर नारेबाजी की। इसके बाद सिंचाई विभाग में बैठक का आयोजन किया गया। 

Created On :   14 May 2019 5:42 AM GMT

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