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तोतलाडोह डेम में दिखने लगे टापू, जून तक डेड स्टोरेज तक आ सकता है जलस्तर

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। पेयजल के लिए विदर्भ खासतौर पर नागपुर की लाइफ लाइन माने जाने वाले तोतलाडोह डेम में पानी काफी कम दिखाई दे रहा है। डेम में जगह जगह छोटे-बड़े टापू नजर आ रहे हैं। कभी अथाह जल भंडारण वाले डेम में कुल 11 फीसदी यानी 121 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी शेष है। पिछले कई सालों में अप्रैल की स्थिति में ऐसा पहली बार हुआ है, जबकि मई और जून की तपन अभी बाकी है। डेम का पानी तेजी से घट रहा है, ऐसे में आने वाले दिनों में डेम का जलस्तर और चिंताजनक हो सकता है।
570 एमसीएम ही कर पाए थे भंडारण
पिछली बारिश में तोतलाडोह डेम बमुश्किल आधा भर पाया था। कुल 1017 एमसीएम जल भंडारण क्षमता वाले डेम में पिछली बारिश में 570 एमसीएम पानी ही इकट्ठा हो पाया था। वह भी मध्यप्रदेश के माचागोरा बांध से तीन दफा पानी छोडऩे के बाद इतना भंडारण हो पाया था।
दो माह का पानी शेष
तोतलाडोह डेम से पिछले सात माह में करीब साढ़े चार सौ एमसीएम पानी खर्च हो चुका है। यानी हर माह करीब 64 एमसीएम पानी खर्च हुआ है। वर्तमान में डेम में लाइव स्टोरेज के तौर पर महज 121 एमसीएम पानी शेष है। मतलब इतना पानी दो माह बमुश्किल पुराया जा सकेगा।
क्यों उभर आए टापू:
1. तोतलाडोह डेम करीब 77 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। कैचमेंट एरिया समेत आसपास कम बारिश होने की वजह से डेम नहीं भर पाया।
2. पेंच नदी पर माचागोरा बांध बन जाने से जरूरत के मुताबिक पानी तोतलाडोह तक नहीं पहुंच पा रहा है।
माचागोरा से मांगा था 4 टीएमसी पानी:
तोतलाडोह बांध के नहीं भर पाने की स्थिति में जल संसाधन विभाग महाराष्ट्र ने पेंच नदी पर मप्र में बने बांध से 4 टीएमसी यानी 115 एमसीएम पानी की मांग रखी थी। इसको लेकर दोनों प्रदेशों के अधिकारियों की बैठकें भी हुईं, लेकिन यहां की जरूरतें बताकर तोतलाडोह को पानी नहीं दिया गया था।
Created On :   1 May 2018 1:38 PM IST