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सहकारी कर्मचारियों ने कराया मुंडन, स्वास्थ्य संविदा कर्मचारियों ने किया जल आंदोलन

डिजिटल डेस्क सिवनी । जिले की सहकारी संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा किये जा रहे धरना प्रदर्शन के पांचवे दिन शनिवार को धरना स्थल पर नौ कर्मचारियों द्वारा मुंडन कराकर शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। विगत 10 वर्षो से लम्बित मांगों को लेकर कचहरी चौक में किये जा रहे अनिश्चित कालीन कलम बंद हड़ताल में मुंडन कार्यक्रम के दौरान निर्दलीय विधायक दिनेश राय द्वारा समर्थन दिया गया। इसी तरह धरना के लिए जगह न दिए जाने के कारण स्वास्थ्य संविदा कर्मचारियों ने वेनगंगा नदी में उतर कर जल आंदोलन किया । म.प्र.सहकारी संस्थाऐं कर्मचारी महासंघ के बैनर तले प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा गत 21 फरवरी से अनिश्चित कालीन कलमबंद हड़ताल कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे शासन द्वारा पूरी नहीं की जाती है तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। संगठन के सचिव एन.के.पटले द्वारा बताया गया कि समिति में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा केन्द्र व राज्य शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं को सफलता पूर्वक संचालन किया जा रहा है। जिसमें किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराना, रासायनिक खाद, बीज,दवाईयॉं तथा कृषि यंत्र, समर्थन मूल्य पर गेहंू व धान खरीदी भावान्तर पंजीयन योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मध्यान्ह भोजन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली सहित अन्य कार्य शामिल हैं। लेकिन कर्मचारियों द्वारा किये जा रहे कार्य के अनुरूप उन्हें पारितोषिक नहीं मिल पा रहा है।
इन्होंने कराया मुंडन
अपनी मांगों को लेकर जिन कर्मचारियों द्वारा मुंडन कराया है उनमें फूलचंद मात्रे सरेखा, बी.एल.बरमैया उड़ेपानी, विजय सिगोतिया भाटीवाड़ा, राजेन्द्र चौरसिया आमागढ़, विजेन्द्र सिंह ठाकुर मुंगवानी, श्रीराम चौधरी मलारा, नीलाजी गौतम मोहगांव, सम्पत राव चौहान उड़ेपानी, एसपी भारद्वाज कान्हीवाड़ा शामिल है।
इन मांगों को लेकर हो रहा प्रदर्शन
कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में पदस्थ कर्मचारियों का वेतनमान लागू किया जावे, संस्थाओं में पदस्थ कर्मचारियों का जिला केडर, स्थानांतरण लागू किया जाये। कम्प्यूटर आपरेटरों को सेवा नियम में लिया जावे। सेवानिवृत्त की आयु 62 वर्ष की जावें, उचित मूल्य दुकानों को समूह को देने का निर्णय वापस कर दुकानों को समितियां दी जावे। समितियों के भुगतान क्षमता के मापदण्ड को समाप्त कर कर्मचारियों को राज्य शासन के कर्मचारियों का दर्जा दिया जावे शामिल हैं।



Created On :   24 Feb 2018 5:14 PM IST