- Home
- /
- तालाबों के इस गांव में प्यास से...
तालाबों के इस गांव में प्यास से व्याकुल हो रहे लोग, कुओं से निकल रही हवा

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। तालाबों के जिले में लोगों को पीने के पानी के लिए व्याकुल होना पड़ रहा है। सड़क-अर्जुनी तहसील अंतर्गत ग्राम डुंडा में ग्रीष्मकाल शुरू होने के पूर्व ही पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है। यहां के कुओं से कीचडय़ुक्त पानी निकल रहा है, तो हैंडपंपों से पानी की बजाए हवा निकल रही है। इस तरह की भयानक स्थिति डुंडा ग्राम में प्रत्यक्ष रूप में देखने को मिल रही है।
नियोजन के अभाव में बुुझ रहे कुएं
गोंदिया जिले को तालाबों के जिले के नाम से पहचाना जाता है। "जहां ग्राम वहां तालाब" जिले के ग्रामों में देखे जा सकते है। जबकि नियोजन के अभाव में तालाब बुझते जा रहे है। जिस वजह से कुछ ही महीनों में तालाबों के साथ पीने के पानी के जलस्त्रोत भी सूख रहे है। सड़क-अर्जुनी तहसील अंतर्गत डुंडा ग्राम आता है। इस ग्राम की जनसंख्या लगभग 900 के करीब है। प्रशासन ने पीने के पानी के लिए दो सरकारी कुंए, 8 बोरवेल एवं 1 जलापूर्ति योजना का निर्माण किया है। जबकि नियोजन नहीं होने से ग्राम के सरकारी कुंए सूखने के कगार पर आ गए है।
निकल रहा कीचड़युक्त पानी
दोनों कुओं से कीचडय़ुक्त पानी निकल रहा है, जो पीने लायक नहीं है। वहीं 8 में से 2 हैंडपंप पूरी तरह से सूख गए है। पानी के बजाए हवा निकल रही है। साथ ही अन्य हैंडपंपों की भी हालत नाजुक होती जा रही है, क्योंकि वहां का भी जलस्तर धीरे-धीरे कम हो चुका है। जलापूर्ति योजना का विद्युत पंप बिगड़ा है। वहीं जगह-जगह पाइप लाइन टूट चुकी है। जिस वजह से जलापूर्ति योजना भी बंद पड़ी है। अब ग्रामीणों के समक्ष यह समस्या निर्माण हो गई है कि पीने का पानी अब कहां से लाए। प्यास बुझाने के लिए ग्रामीणों को अब खेतों में स्थित कुओं से पानी लाना पड़ रहा है। साथ ही समीप के जलाशयों से बैलगाड़ी पर ड्रम रखकर पानी ला रहे हैं। इस तरह की भयानक स्थिति मार्च माह के पूर्व से ही स्पष्ट रूप से इस ग्राम में देखी जा सकती है।
रात्रि में ला रहे खेतों से पानी
ग्राम के जलस्त्रोतों का जलस्तर घटने से कुंए एवं हैंडपंपों से पानी समय पर ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। वहीं ग्राम के कुछ कुए एवं हैंडपंपों में पानी नहीं होने से भीषण जलसंकट गहराया है। जिस वजह से पानी के लिए रात के दौरान पूरे परिवार के सदस्य खेतों में स्थित कुओं से पानी लाने के लिए पहुंचते है। जबकि सुबह के दौरान तो पानी के लिए खेतों में कतार लगी रहती है। इस तरह का नजारा इस ग्रााम में देखा जा रहा है।
जल्द ही किया जाएगा नियोजन
जलापूर्ति समिति में लगभग ढाई लाख रुपए जमा है। इस निधि के माध्यम से जल का नियोजन किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही सभा लेकर प्रस्ताव लिया जाएगा।
- शरद चिमणकर, ग्रामसेवक ग्रापं डुंडा
.jpg)
Created On :   5 March 2018 1:50 PM IST