'ब्रिज कम डैम स्कीम' से होगा जल नियोजन : नितिन गडकरी

Water Resources Minister Nitin Gadkari on Bridge less dam scheme
'ब्रिज कम डैम स्कीम' से होगा जल नियोजन : नितिन गडकरी
'ब्रिज कम डैम स्कीम' से होगा जल नियोजन : नितिन गडकरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  केन्द्रीय भूतल परिवहन व जलसंसाधन मंत्री नितीन गडकरी ने कहा कि जल संसाधन बढ़ाने के लिए राज्य में विविध नदियों पर डैम बनाए जाएंगे। यह डैम पुल का काम भी करेंगे। ब्रिज कम डैम योजना के तहत केंद्र सरकार ने राज्य में 100 ब्रिज कम डैम बनाने की अनुमति दी है। एक माह में इन कामों की शुरुआत हो जायेगी।  । शुक्रवार को सुरेश भट सभागृह में भूजल मंथन कार्यक्रम में गडकरी ने जल नियोजन की विविध उपाय योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी।

एरिगेशन को लाभ
गडकरी ने कहा कि जल संसाधन व कृषि विकास के कार्य में भी राष्ट्रीय महामार्ग विकास विभाग योगदान दे रहा है। ब्रिज कम डैम योजना का लाभ नागपुर समेत विदर्भ व मराठवाड़ा को भी मिलेगा। गोंडखैरी-कलमेश्वर, माथनी-मौदा,वणी-वरोरा में यह पुल बनाये जाएंगे। विदर्भ में 35 व मराठवाड़ा में 55 स्थानों पर पुल कम डैम बनाये जाएंगे। राष्ट्रीय महामार्ग विभाग ने खेतों में तालाब बनाकर देने की योजना भी बनायी है। ब्रिज कम डैम योजना से राज्य में 40 से 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता का विकास होगा। 

9 लाख कुएं बनाने का टारगेट
जल नियोजन के लिए व्यापक योजनाओं पर विचार किया जा रहा है। देश में 96 जिले चिन्हित किये गए है जहां भूजलस्तर अधिक है। जिन जिलों में भूजल स्तर अधिक होगा उन जिलों में विशेष प्राथमिकता के साथ कुंओं का निर्माण कराया जायेगा। इस प्रस्तावित योजना के तहत 9 लाख कुएं बनाने का लक्ष्य है। इसके लिए 40 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। प्रस्ताव का प्रारुप जल्द ही केंद्र सरकार की केबिनेट मीटिंग में रखा जायेगा।  अटल भूजल योजना के तहत 6000 करोड के जल संसाधन विकास के कार्य करने का विचार है। यह योजना भी जल्द ही आ रही है। योजना में 3000 करोड रुपये विश्व बैंक व 3000 करोड़ रुपये भारत सरकार का होगा। 
भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं
जल संसाधन विकास की योजनाओं में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। कुछ निजी कंपनियों का नाम गिनाते हुए गडकरी ने कहा कि विकास योजनाओं में अच्छा व गुणवत्ता पूर्ण कार्य करनेवालों की कमी नहीं है। लेकिन इधर की मिट्‌टी उधर करके केवल सरकार से लाखों करोडों के बिल लेने वालों पर भी नियंत्रण की आवश्यकता है। जल संसाधन के विकास कार्य में महाविद्यालय, विश्वविद्यालय,राजनीतिक धार्मिक व सामाजिक संगठनों के अलावा स्वयंसेवी संस्थाओं ने शामिल होना चाहिए। निर्माण कार्य की निगरानी तकनीकी संसाधनों से की जाएगी। कार्य का लेखा जोखा कंप्यूटर में होगा। अनियमितता पाये जाने पर संबंधित ठेकेदार को जेल में डाला जाएगा। 

Created On :   16 Feb 2018 2:57 PM IST

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