मलबा हटते ही फूट पड़ा वाटर सोर्स, गुलजार होगा सोनेगांव तालाब

water source found in nagpur district village sonegaon
मलबा हटते ही फूट पड़ा वाटर सोर्स, गुलजार होगा सोनेगांव तालाब
मलबा हटते ही फूट पड़ा वाटर सोर्स, गुलजार होगा सोनेगांव तालाब

डिजिटल डेस्क,नागपुर।  जलस्रोतों को बचाने के प्रशासन के प्रयास अंतत: रंग लाए हैं। अक्सर जनवरी के बाद सूखा मैदान दिखने वाले सोनेगांव तालाब में इस बार  मलबा निकलते ही यहां वाटर सोर्स फूट पड़ा है।पिछले साल सोनेगांव तालाब में क्रियान्वित की गई गहराईकरण योजना का प्रभावी असर देखा जा रहा है। बारिश से पू‌र्व इसमें से एक-तिहाई मलबा निकाला जा चुका था। बारिश के कारण काम रोक दिया गया था। तब तक तालाब से 23 हजार क्यूबिक मीटर यानी 4600 ट्रक मलबा तालाब से निकाला गया था। अभी 10 हजार ट्रक मलबा निकलने की संभावना है।  

तालाब क्षेत्र होगा गुलजार
तालाब के गुलजार होने से अब भविष्य की योजनाओं को लेकर भी तैयारी शुरू हो गई है। तालाब परिसर में दो उद्यान, एक वॉकिंग ट्रैक बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। विशेष यह कि सत्तापक्ष नेता संदीप जोशी की पहल पर राज्य सरकार ने भी सोनेगांव तालाब सौंदर्यीकरण के लिए 18 करोड़ रुपए देने की घोषणा की है।

लौटाएंगे पुराना वैभव
तालाब को उसका पुराना वैभव लौटाने के लिए मनपा बजट में 2 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस निधि से तालाब की सुरक्षा दीवार बनाई जाएगी। सुरक्षा दीवार नहीं होने से मिट्टी और मलबा तालाब में जमा होता है। इसके अलावा उत्तर और दक्षिण छोर पर दो उद्यान तैयार किए जाएंगे। तालाब में जलसंवर्धन के लिए पोहरा नदी से सटी एक छोटी नदी को डायवर्ट किया जाएगा। इस नदी में सिर्फ बारिश में ही पानी बहता है। तालाब के हेरिटेज श्रेणी में होने की वजह से सरकार से अन्य आवश्यक अनुमति लेकर काम शुरू किए जाएंगे। 

ब्रिटिशकालीन इतिहास 
सोनेगांव तालाब का ब्रिटिशकालीन इतिहास है। फिलहाल मालिकाना हक को लेकर इस पर विवाद शुरू है और यही कारण है कि तालाब की लगातार उपेक्षा होती रही। न मनपा प्रशासन और न ही जिला प्रशासन इसे लेकर कभी गंभीर दिखा। जिससे तालाब के सारे भू-गर्भ स्रोत दम तोड़ते रहे। स्थिति यह थी कि हर साल जनवरी में ही यह तालाब सूखना शुरू हो जाता था। एक फैला हुआ सूखा मैदान दिखता था। पिछले साल सत्तापक्ष नेता संदीप जोशी ने सोनेगांव तालाब के पुनर्जीवन की योजना लाई। तालाब को अब चार हिस्सों में बांटकर उसमें जलसंवर्धन की योजना तैयार की गई। सोनेगांव तालाब में ही चार तालाब बनाए गए। 10 हजार वर्गफीट क्षेत्रफल में 10 फीट से अधिक गहराईकरण किया गया।

हर साल गहराईकरण होगा 
हर साल सोनेगांव तालाब का गहराईकरण होगा। सौंदर्यीकरण का काम भी जल्द शुरू किया जाएगा। इसके लिए स्थानीय नागरिकों के सहभाग की ज्यादा जरूरत है। नागरिकों के सहयोग से निश्चित रूप से सोनेगांव तालाब का कायापलट होगा। इसके अनेक फायदे होंगे। तालाब का पानी ठहरने से कुछ क्षेत्रों में जलसंकट को भी हल किया जा सकेगा।
-संदीप जोशी, सत्तापक्ष नेता, मनपा
 

Created On :   29 March 2018 2:10 PM IST

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