किसानों को एपीएमसी में हिस्सेदार बनाने की योजना पर फिरा पानी

Water turned on the plan to make farmers partners in APMC
किसानों को एपीएमसी में हिस्सेदार बनाने की योजना पर फिरा पानी
अमरावती किसानों को एपीएमसी में हिस्सेदार बनाने की योजना पर फिरा पानी

डिजिटल डेस्क, अमरावती।  आखिर एक साल के लंबे अंतराल के बाद जिला निबंधक कार्यालय ने जिले की 12 कृषि उपज मंडी समिति के चुनाव घोषित कर दिए। लेकिन यह चुनाव घोषित करते समय किसानों को एपीएमसी का हिस्सेदार बनाने की वर्तमान एकनाथ शिंदे सरकार की योजना धरी की धरी रह गई। वहीं जिन किसानों के पसीने से उगाई हुई फसल के बल पर उपज मंडी चलती है वह किसान ही कृषि उपज मंडी के चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। क्योंकि शिंदे सरकार ने अपने मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में जो निर्णय लिया वह कानून में परिवर्तित नहीं हो पाने के कारण सरकार के इस निर्णय पर पानी फेरा गया है।

अमरावती जिले की 14 तहसील अंतर्गत कुल 12 कृषि उपज मंडी में जिले के किसान अपने खेत का माल बेचने आते हैं।  इन 12 कृषि उपज मंडी में भातकुली तहसील और अमरावती तहसील मिलाकर एक मंडी, चिखलदरा और धारणी तहसील के किसानों के लिए धारणी की कृषि उपज मंडी आैर शेष दर्यापुर, अचलपुर, मोर्शी, वरूड, तिवसा, अंजनगांव सुर्जी, धामणगांव रेलवे, चांदुर रेलवे, नांदगांव खंडेश्वर आैर चांदुर बाजार ऐसी किल 12 उपज मंडी में चुनावी बिगुल बज चुका है।  इससे पूर्व हर बार यह देखा गया कि किसानांे का माल कृषि उपज मंडी में पहुंचने के बाद अचानक उस माल के दाम गिर जाते है अथवा किसानों को मंडी के व्यापारियों के मनमानी का शिकार होना पड़ता है।

मंडी में खेती माल लेकर आनेवाले किसानों से कई बार मनमाना सेस वसूलने के आरोप भी हो चुके है। यहां तक कि जिले की कृषि मंडियों में किसानों का माल सुरक्षित रहने के लिए बनाए गए शेड पर वहां व्यापारी कब्जा कर चुके है। व्यापारियों का माल शेड में आैर किसानों का माल खुले में रहने के कारण अचानक होनेवाली बारिश में नुकसान का खामियाजा किसानों को ही भुगतना पड़ता है। इस कारण किसानों का पक्ष रखने के लिए मंडी के चुनाव में किसानों को मतदान का अधिकार देने की मांग हो रही थी। राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार ने अपनी पहली ही मंत्रीमंडल की बैठक में कृषि उपज मंडी के चुनाव में किसानों को मतदान का अधिकार देने का प्रस्ताव पारित किया था। किंतु यह प्रस्ताव नियम में तब्दील होने से पहले ही कृषि उपज मंडी के चुनाव घोषित हो गए आैर किसानों को एपीएमसी का हिस्सेदार बनाने की योजना धरी की धरी रह गई।
 

Created On :   8 Sept 2022 2:17 PM IST

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