करोड़ों रुपयों के डैमरेज शुल्क से वेकोलि को चपत

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। वणी वेकाेलि क्षेत्र की खदानों से विविध राज्यों के बिजली केंद्रों में रेलवे से जानेवाली रैक में ओवरलोड कोयला होने के कारण बार-बार मालगाड़ी को बैकअप लेना पड़ रहा है। पिछले कुछ दिनों से यह सिलसिला बढ़ गया है। लापरवाही के कारण रेलवे को डैमरेज (विलंब) शुल्क देना पड़ रहा है। इस कारण वेकोलि को करोड़ों रुपयों की आर्थिक चपत लग रही है। ऐसे में रेलवे रैक की वजह से घुग्घुस में करीब एक घंटे तक ट्राफिक जाम रहा। ऐसी व्यवस्था से आम नागरिकों ने तीव्र रोष व्यक्त किया। पिछले कुछ दिनों की बात करें, तो 8 जनवरी को वणी वेकोलि क्षेत्र के घुग्घुस रेलवे साइडिंग से मालगाड़ी में कोयला लोड़ करके रैक सोला़पुर बिजली केंद्र में जाने निकली थी। दरम्यान मालगाडी के कई डिब्बों में क्षमता से अधिक कोयला भरा गया था। यह बात रेलवे के वेब्रिज के जांच में सामने आते ही गाड़ी को रोका गया। करीब 1 किमी तक आगे गई मालगाड़ी को वापिस रेलवे साइिडंग के लिए बैकअप लिया गया। जिसके चलते घुग्घुस रेलवे फाटक पर दोनों ओर वाहनों की कतारें लग गई थी। इस काम से जुडे़ एक रेल कर्मी ने बताया था कि, डबल इंजिन वाली मालगाड़ी में 59 डिब्बे थे। रेलवे के वेब्रिज जांच में 21 डिब्बे ओवरलोड पाए गए। जिसके बाद गाड़ी को बैकअप लेकर ओवरलोड डिब्बे से कोयला उतारा गया था। इस मामले के बाद फिर से 19 जनवरी को रेलवे रैक का एक डिब्बे को वजन नहीं होने के चलते कई बार मालगाड़ी को आगे-पीछे करना पड़ा। इस कारण रेलवे फाटक के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारंे लगने से नागरिकों को भारी परेशानी हुई। एम्बुंलेंस इस कारण फंसी रही।
रेलवे वेब्रिज का जिम्मा जनरल मजदूरों पर : वजन मांपने वाले वेकाेलि का रेलवे वेब्रिज को नियमानुसार अनुभवी क्लर्क को संभालना होता है, परंतु इसकी जिम्मेदारी जनरल मजदूरों पर सौंपी गई है। इस कारण आए दिन इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हंै। जबकि वेकोलि के पास रेलवे के दो-दो वेब्रिज होने के बावजूद ऐसी परेशानी का खामियाजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा हंै। नागरिकों का कहना है कि, अगर ऐसा ही रहा तो वेकोलि अधिकारियों की लापरवाही से किसी नागरिक की जान जा सकती हंै।
Created On :   21 Jan 2023 7:10 PM IST