"वर्ल्ड हैरिटेज-डे" पर होगा वेबिनार आयोजित - शिव शेखर शुक्ला विषय विशेषज्ञ वक्ता रखेंगे अपने विचार व देंगे सुझाव!

वर्ल्ड हैरिटेज-डे पर होगा वेबिनार आयोजित - शिव शेखर शुक्ला विषय विशेषज्ञ वक्ता रखेंगे अपने विचार व देंगे सुझाव!
"वर्ल्ड हैरिटेज-डे" पर होगा वेबिनार आयोजित - शिव शेखर शुक्ला विषय विशेषज्ञ वक्ता रखेंगे अपने विचार व देंगे सुझाव!

डिजिटल डेस्क | उज्जैन विश्व धरोहर दिवस (वर्ल्ड हेरिटेज डे) के अवसर पर देश व प्रदेश की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक धरोहरों को सुरक्षित रखने एवं उनके संवर्धन और संरक्षण के प्रति जागरूकता के लिए "धरोहर- भविष्य के परिपेक्ष्य में" (Heritage - Perspectives for the Future) विषय पर वेबिनार का आयोजन पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार तथा मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा सयुंक्त रूप से किया जा रहा है। वेबिनार रविवार 18 अप्रैल 2021 को प्रातः 11:30 से अपराह्न 1 बजे के मध्य आयोजित होगा। प्रमुख सचिव पर्यटन व मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के प्रबन्ध संचालक श्री शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि वेबिनार में पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार की अतिरिक्त महानिदेशक सुश्री रूपिन्दर बरार, इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन पद्मश्री श्रीमती सुधा मूर्ति, प्रख्यात भारतीय शास्त्रीय गायकद्वय पद्मभूषण पंडित राजन मिश्रा व पंडित साजन मिश्रा, Indian Ecology (INDeco) पर्यटन कम्पनी के सीएमडी श्री स्टीव बोर्गिया, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सेवानिवृत्त संयुक्त महानिदेशक श्री एस.बी. ओटा तथा यूनस्को के हेरिटेज एक्सपर्ट एवं आर्किटेक्ट श्री निशांत उपाध्याय प्रमुख वक्ता के रूप में अपने विचार रखेंगे।

साथ ही भारत वर्ष की महान विरासत को सहेजने एवं संवारने में जन-भागीदारी बढ़ाने के विषय में अपने महत्वपूर्ण सुझाव भी देंगे। विश्व के सांस्कृतिक-ऐतिहासिक स्थलों को विरासतों के रूप में संरक्षित रखने के लिए यूनेस्को द्वारा हर साल 18 अप्रैल को "व‌र्ल्ड हेरिटेज डे" मनाया जाता है। दुनियाभर के स्मारकों और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों के लिए यह दिन खास होता है। इस अवसर पर लोगों को हमारी ऐतिहासिक और प्राकृतिक धरोहरों को आने वाली पीढ़ियों के लिए बचाए रखने के लिए प्रयासों के बारे में अवगत कराया जाता है। साथ ही यह दिन यह भी बताता है कि हमारी यह धरोहरों को अब कितने रखरखाव, संवर्धन तथा संरक्षण की आवश्यकता है, विरासतों को सुरक्षित और सरंक्षित रखने के लिए जागरूकता जरूरी क्यों है।

विश्व धरोहर स्थल विश्व धरोहर या विरासत सांस्कृतिक महत्व और प्राकृतिक महत्व के स्थल होते हैं। यह वह स्थल होते हैं जो ऐतिहासिक और पर्यावरण के लिहाज से पूरे विश्व के लिए भी महत्वपूर्ण होते हैं। इनका अंतरराष्ट्रीय महत्व होता और इन्हें बचाए रखने के लिए खास कदम उठाए जाने की जरूरत होती है। ऐसे स्थलों को आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को विश्व धरोहर की मान्यता प्रदान करती है। कोई भी स्थल जिसे यूनेस्को समझता है उसका संरक्षण करना मानवता के लिए जरूरी है और वहाँ का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व है, उसे विश्व धरोहर के तौर पर मान्यता दी जाती है। व‌र्ल्ड हेरिटेज डे की शुरुआत संरक्षित स्थलों पर जागरूकता के लिए सांस्कृतिक-ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक विरासतों की विविधता और रक्षा के लिए हर साल 18 अप्रैल को "व‌र्ल्ड हेरिटेज-डे" मनाया जाता है।

ट्यूनीशिया में इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ मान्यूमेंट्स एण्ड साइट (ICOMOS) द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी में 18 अप्रैल 1982 को विश्व धरोहर दिवस मनाने का सुझाव दिया गया, जिसे कार्यकारी समिति द्वारा मान लिया गया। नवंबर 1983 में यूनेस्को सम्मेलन के 22वें सत्र में हर वर्ष 18 अप्रैल को "व‌र्ल्ड हेरिटेज-डे" मनाने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया। पूरे विश्व में लगभग 1,121 विश्व धरोहर स्थल हैं, जिसमें से सबसे अधिक चीन एवं इटली में हैं। भारत में लगभग 131 विश्व धरोहर स्थल हैं। मध्यप्रदेश में 3 विश्व धरोहर सांची, भीमबैठका एवं खजुराहो हैं। वर्ष 2021 के विश्व धरोहर दिवस का विषय (theme) "Complex Pasts : Diverse Feature" रखा गया है।

Created On :   17 April 2021 8:25 AM GMT

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