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पेयजल संकट से निपटने के लिए मनरेगा के तहत खुदेंगे बड़े आकार के कुएं
डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रदेश में भीषण गर्मी के चलते अनेक ग्रामीण क्षेत्रों में व्याप्त सूखे की स्थिति से निपटने के लिये अब बड़े आकर के कुएं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम यानी मनरेगा के तहत खोदे जाएंगे। इसके लिये नई मानक डिजाइन और लागत निर्धारित कर दी गई है। साथ ही सभी जिला कलेक्टरों एवं जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से कहा गया है कि वे अपने क्षेत्र की मांग के अनुसार यह कार्य मनरेगा बजट से सम्पन्न कराएं।
गौरतलब है कि इससे पहले मनरेगा के तहत 5 मीटर व्यास एवं 12 मीटर गहराई के पेयजल कूप खोदने की मानक डिजाइन थी तथा ऐसे कूप के लिये 2 लाख 35 हजार रुपए प्रति कूप निर्धारित की गई थी। परन्तु वर्तमान में प्रदेश के कई क्षेत्रों में सूखा की स्थिति होने से पीने के पानी की कठिनाई के दृष्टिगत ज्यादा पेयजल के संधारण हेतु बड़े आकार के पेयजल कूप निर्मित किये जाने की आवश्यक्ता प्रतिपादित हुई है। इसलिये राज्य शासन ने पेयजल कूप की दो मानक डिजाइन एवं लागत जारी की है। मध्यप्रदेश के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अधीक्षण यंत्री डीके पचौरी का कहना है कि मनरेगा के तहत कुएं खोदने की नई मानक डिजाइन एवं लागत तकनीकी शाखा द्वारा जारी की गई है।
ऐसे होंगे बड़े आकार के कूप :
- एक, पेयजल कूप प्लेट फार्म, जगत, सोक पिट, ड्रेन, घिरनी सहित 6 मीटर आंतरिक व्यास व 12 मीटर गहराई, जिसकी मानक लागत 4 लाख 45 हजार रुपये होगी।
- दो, पेयजल कूप प्लेट फार्म, जगत, सोक पिट, ड्रेन, घिरनी सहित 6 मीटर आंतरिक व्यास व 15 मीटर गहराई, जिसकी मानक लागत 5 लाख 35 हजार रुपये होगी।
Created On :   2 Jun 2018 4:46 AM GMT