पश्चिम रेलवे ने 25 स्टेशनों पर लगाई बॉटल क्रशिंग मशीन

Western Railway installed bottle crushing machine at 25 stations
पश्चिम रेलवे ने 25 स्टेशनों पर लगाई बॉटल क्रशिंग मशीन
पश्चिम रेलवे ने 25 स्टेशनों पर लगाई बॉटल क्रशिंग मशीन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। रेलवे सफर के दौरान बड़ी संख्या में लोग बोतलबंद पानी खरीदते हैं लेकिन पानी पीने के बाद अक्सर इन बोतलों को इधर- उधर फेंक दिया जाता है। इसी परेशानी को देखते हुए पश्चिम रेलवे ने मुंबई विभाग के विभिन्न स्टेशनों पर 25 और प्लास्टिक बॉटल क्रशिंग मशीनें लगाने का फ़ैसला किया है। अच्छी बात यह है कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिहाज से उठाए गए इस कदम से रेलवे को आमदनी भी होगी।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी रविंद्र भाकर के मुताबिक अगर यह मशीनें खरीदी जाती तो एक मशीन का खर्च साढ़े तीन लाख रुपए आता। लेकिन मशीनें नॉन फेयर रेवेन्यू (एन एफ आर) मॉड्यूल के अंतर्गत लगाई जाएगी। यानी इसे दूसरी कंपनियां लगाएंगी जिसके बदले उन्हें मशीन पर विज्ञापन प्रदर्शित करने की इजाजत होगी। इसके अलावा कंपनी को इन मशीनों में एकत्रित प्लास्टिक फ्लेक्स की बिक्री करके भी आमदनी होगी। पश्चिम रेलवे के मुंबई मंडल की नॉन फेयर रेवेन्यू (एन एफ आर) टीम कोविड-19 महामारी के इस समय में भी पांच सालों में 82,985 रुपए की आमदनी का ऑफर हासिल करने में सफल रही। इसके तहत बोली लगाने वाली कंपनी 16 स्टेशनों पर 25 मशीने लगाएगी।

चर्चगेट में 4, मुंबई सेंट्रल में 3, दादर, बांद्रा टर्मिनस, अंधेरी और बोरीवली में 2-2 जबकि लोअर परेल, प्रभादेवी, माटुंगा रोड, माहिम, बांद्रा, मालाड, कांदिवली, वसई रोड, नालासोपारा एवं विरार स्टेशनों पर 1-1 मशीनें लगीं जाएंगी। इस प्रयास से पश्चिम रेलवे ने न सिर्फ अतिरिक्त राजस्व हासिल किया है बल्कि इन मशीनों की खरीद पर होने वाले 87 लाख 50,000 हजार रुपए भी बचाएं हैं। भाकर ने बताया कि मशीनें खासतौर पर ऐसी जगह लगाई जाएंगी जहां यात्रियों का ध्यान जाए और वे अपने पास मौजूद खाली बोतल मशीनों में डालें। पश्चिम रेलवे ने इससे पहले भी कई स्टेशनों पर ऐसी मशीनें लगाई हैं लेकिन यह मशीनें कंपनियों ने सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत लगाई हैं जिनसे रेलवे को कोई आमदनी नहीं होती।

Created On :   13 Jun 2020 8:08 AM GMT

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