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गलतफहमी हुई, तो दर्ज कराया दुष्कर्म का मामला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से हमारे देश में कई सख्त कानून लागू हैं। वैसे ही दुष्कर्म के मामले में भी पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए भारतीय दंड विधान में धारा 376 जैसा प्रावधान है, जो कि पीड़िता की एक शिकायत पर आरोपी पर मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार करने की अनुमति देता है, लेकिन आए दिन ऐसे कई प्रकरण देखने को मिल रहे हैं, जिनमें दुष्कर्म की शिकायत के बाद आरोपी और पीड़िता आपस में मामले सेटल कर रहे हैं। इस पूरी प्रक्रिया में पुलिस और न्यायपालिका की ऊर्जा और समय दोनों बर्बाद हो रहे हैं, साथ ही सरकारी राजस्व को भी नुकसान पहुंच रहा है। आरोपी और पीड़िता मिलकर हाईकोर्ट में याचिका दायर करके मामले को रफा-दफा करने की प्रार्थना कर रहे हैं। एेसे में हाई कोर्ट को एफआईआर खारिज करनी पड़ रही है। ऐसे बढ़ते मामले देख हाई कोर्ट ने अब आरोपी और पीड़िता दोनों पर जुर्माना लगाना शुरू कर दिया है। हाल ही में 2 अलग-अलग मामलों में हाई कोर्ट ने आरोपी पर 15 हजार रुपए और पीड़िता पर 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
पांच साल चला मामला : यह मामला वर्ष 2017 में शहर के पांचपावली पुलिस थाने में दर्ज हुआ था। 56 वर्षीय व्यापारी पर एक महिला ने दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया। लगभग पांच साल तक इसमें पुलिस और निचली अदालत अपना समय खपाते रहे। आखिरकार वर्ष 2022 में व्यापारी ने हाई कोर्ट से एफआईआर खारिज करने की प्रार्थना की। पीड़िता ने भी कहा कि उनके बीच गलतफहमी के कारण उसने दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। ऐसे में कोर्ट को एफआईआर खारिज करनी पड़ी।
प्रेम संबंध था : यह मामला अमरावती के बडनेरा का है। 27 वर्षीय युवती ने 30 वर्षीय युवक पर दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया। बाद में हाई कोर्ट में बयान दे दिया कि उसके और आरोपी के बीच प्रेम संबंध थे, जिसमें खटास आने के कारण उसने दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। निचली अदालत से एफआईआर खारिज करने की याचिका रद्द होने के बाद आरोपी ने हाई कोर्ट की शरण ली थी। पीड़िता के उक्त बयान के बाद आरोपी पर एफआईआर रद्द कर दी गई।
Created On :   10 Dec 2022 7:41 PM IST