कौड़ियों के मोल बिक रहा सफेद सोना , किसान निराश
सुरेश वर्मा , चंद्रपुर । जिले की वरोरा, भद्रावती और चिमूर तहसील की खरीफ की प्रमुख फसल कपास, सोयाबीन है। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष अब तक सफेद सोना कपास के दाम 10,000 के पार भी नहीं पहुंचे हैं जिससे किसानों में घोर निराशा छाई है । इसके चलते 11 अप्रैल तक 3,42,696. 35 क्विंटल कपास की खरीदी वरोरा बाजार समिति में हुई है। आज भी किसान बेहतर दाम के इंतजार में कपास को अपने घरों में सहेज कर रखे हैं। 11 अप्रैल को कपास के अधिकतम और न्यूनतम दाम क्रमश: 8100 और 7000 और सोयाबीन 5170 और 4000 रुपए क्विंटल रहे हैं।
औसतन 6.5 लाख क्विंटल की खरीदी वरोरा परिसर की मुख्य फसल कपास होने की वजह से यहां की बाजार मंडी में आवक अधिक रहती है। बाजार समिति के अनुसार प्रतिवर्ष 6.5 लाख क्विंटल कपास खरीदा जाता है लेकिन इस वर्ष अप्रैल महीने के 11 तक 3,42,696. 35 क्विंटल कपास की खरीदी हो सकी है। वर्तमान आवक को देखते हुए मई में खरीदी बंद हो जाएगी।
वर्ष 2022 में जनवरी से मार्च के बीच किसानों 10,000 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक के दाम मिले थे और कपास के दाम वरोरा बाजार मंडी में 15,051 रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़े थे लेकिन इस वर्ष किसानों को अब बेहतर दाम की संभावना कम है। इसलिए अब किसान अपने घर में जमा किया कपास जो दाम मिल रहा उसी में बेचने को विवश हैं तो कुछ लोग अब भी सहेजकर रखे हंै। बाजार समिति वरोरा में कपास के अलावा सोयाबीन, चना, तुअर, लाख, मूंग आदि भी खरीद रहे हैं। गतवर्ष की तुलना में इस वर्ष किसानों को कपास के दाम न मिलने से उनमें घोर निराशा छाई हुई है।
Created On :   13 April 2023 3:06 PM IST