कौन देगा ध्यान , स्कूल एक, पता दो, चल रहा तीसरी जगह

Who will pay attention, school one, address two, third place going on
कौन देगा ध्यान , स्कूल एक, पता दो, चल रहा तीसरी जगह
अजीबोगरीब कारनामा कौन देगा ध्यान , स्कूल एक, पता दो, चल रहा तीसरी जगह

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शिक्षा क्षेत्र में समय के साथ नए-नए प्रयोग हुए। सरकारी स्कूल के बाद निजी अनुदानित स्कूल, कायम गैर-अनुदानित स्कूल और अब स्वयं अर्थसहाय स्कूल को सरकार ने अनुमति दी। स्कूल खोलने के प्रस्ताव में जो जगह प्रस्तावित की जाती है, उसी जगह खोलने की शर्त है। अनुमति मिलने के बाद संस्थापक अपनी सुविधा की जगह पर स्कूल चलाते हैं। लेकिन शहर में एक ऐसा स्कूल है, जिसके दस्तावेज पर दो अलग-अलग पते हैं, जबकि चलाया जा रहा तीसरी जगह। स्वयं अर्थसहाय स्कूल का पता, माध्यम बदलने की कोई गुंजाइश नहीं है। अपनी मर्जी से बदलने पर स्कूल की अनुमति रद्द मानी जाएगी, ऐसा शासनादेश में स्पष्ट लिखा है। इसके बावजूद मंत्री के पत्र पर स्कूल का पता बदलकर शिक्षा विभाग ने अजीबोगरीब कारनामा किया है।

गोरेवाड़ा में चलाया जा रहा स्कूल : फिरोज विद्या समिति द्वारा संचालित फिरोज गांधी प्राथमिक स्कूल चलाया जा रहा है। इस स्कूल के प्रस्ताव में प्रस्तावित जगह मिलिंद नगर दर्शाई गई है। दरअसल, स्कूल प्रस्तावित जगह नहीं खोला गया। संस्था ने अपनी मर्जी से स्कूल गोरेवाड़ा में खोल दिया। इस बीच, जूनी झिंगाबाई टाकली में उच्च प्राथमिक स्कूल खोलने के लिए नया प्रस्ताव डाला गया। उसे भी सरकार से अनुमति मिल गई, लेकिन वहां भी स्कूल नहीं खोलते हुए गोरेवाड़ा में चलाया जा रहा है। हैरत यह है कि शिक्षा विभाग ने स्कूल का निरीक्षण कर सब कुछ ठीक-ठाक चलने की रिपोर्ट पेश की है। उस रिपोर्ट में स्कूल का पता मिलिंद नगर दर्शाया गया है।

पेंच से बचने पता बदला : नियम ताक पर रखकर चल रहा स्कूल भविष्य में कोई पेंच में न फंस जाए, इसलिए संस्था ने पता बदलने के लिए शिक्षा विभाग को प्रस्ताव दिया। विभाग पर दबाव बनाने के लिए एक मंत्री का पत्र जोड़ा गया। शिक्षा विभाग ने मंत्री के पत्र पर पता बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे डाली। 

यह है नियम : साल 2010 में खोले गए इंग्लिश मीडियम स्कूलों को स्वयं अर्थसहाय आधार पर चलाने की अनुमति देने का 31 मई 2017 को शासनादेश जारी किया गया। उसी शासनादेश में स्कूल का माध्यम और जिस जगह स्कूल खोलने की अनुमति दी गई, उसी जगह चलाने की शर्त अनिवार्य की गई है। माध्यम तथा प्रस्तावित जगह बदलने पर स्कूल को दी गई अनुमति अपने-आप रद्द मानी जाएगी, यह बात शासनादेश में स्पष्ट की गई है।

शिकायत पर जांच नहीं : शिक्षण संस्था की मनमानी के खिलाफ हिंद शक्ति संगठन द्वारा शिकायत करने पर शिक्षण संचालक ने विभागीय संचालक को जांच के आदेश दिए। विभागीय संचालक ने शिक्षणाधिकारी को जांच कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए। संस्था की ओर से मंत्री के माध्यम से दबाव बनाने पर जांच ठंडे बस्ते में चली गई।

शिक्षण संचालक मांगते रह गए रिपोर्ट : शिक्षण संचालक ने विभागीय संचालक को भेजे आदेश पत्र में जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। अब तक विभागीय संचालक को 3 पत्र भेजकर रिपोर्ट तलब करने के लिए कहा गया है। संचालक रिपोर्ट मांगते रह गए, लेकिन अभी तक न जांच हुई और न रिपोर्ट भेजी गई।

पूर्व अनुमति जरूरी है स्कूल स्थानांतरण बिना पूर्व अनुमति के नहीं किया जा सकता। संबंधित संस्था ने अनुमति लेकर स्थानांतरण किया है या नहीं, यह देखना पड़ेगा। उसके बाद ही इस विषय में कुछ कहा जा सकता है।
-रवींद्र काटोलकर, जिला शिक्षणाधिकारी (प्राथमिक)

गलती में हुआ सुधार 
प्रस्ताव में झिंगाबाई टाकली में स्कूल को अनुमति मांगी गई थी। शासन ने गलती से कार्यालय के पते पर अनुमति दी। शासन के ध्यान में गलती लाने पर सुधार किया गया है। पुरानी किराए की इमारत से संस्था की इमारत में स्थानांतरण किया गया, वह परिसर गोरेवाड़ा के नाम से जाना जाता है। -कृष्ण कुमार पाण्डेय, अध्यक्ष, फिरोज विद्या समिति

 

Created On :   28 Feb 2022 12:22 PM IST

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