- Home
- /
- दोपहिया वाहनों के साथ ही क्यों नहीं...
दोपहिया वाहनों के साथ ही क्यों नहीं देते हेलमेट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाइकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने देश की नामांकित टू-व्हीलर निर्माता कंपनियों से पूछा है कि आखिर वे टू-व्हीलर के साथ ही ग्राहकों को हेलमेट क्यों नहीं दे देते। इस सवाल के साथ हाईकोर्ट ने इन कंपनियों को याचिका में प्रतिवादी बना कर नोटिस जारी किया है। इसमें बजाज, सुजूकी, हीरो मोटोकॉर्प, रॉयल एनफील्ड, टीवीएस मोटर्स, पियाजियो, होंडा और यामाहा जैसी कंपनियों का समावेश है। इन सभी कंपनियों के स्थानीय कार्यालय नागपुर में भी हैं।
दुविधा ऐसी है
हाईकोर्ट ने सौरभ भारद्वाज की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश जारी किया। दरअसल, इस याचिका में नागपुर की कई वाहन डीलर कंपनियां प्रतिवादी हैं। इन डीलरों का पक्ष रखते हुए एड. शरद भट्टड ने दलील दी कि अगर टू-व्हीलर के साथ ही हेलमेट देने की बात है, तो फिर निर्माता कंपनियों को बाइक की किट में हेलमेट भी जाेड़ देना चाहिए, क्योंकि डीलरों के पास 300 से 50 हजार तक के हेलमेट हैं। ऐसे में ये कैसे तय किया जाएं कि कौन-सी टू-व्हीलर के साथ कौन सा हेलमेट देना है?
यह है मामला : हाईकोर्ट में सौरभ भारद्वाज द्वारा जनहित याचिका में हेलमेट और यातायात सुरक्षा का मुद्दा उठाया गया है। याचिकाकर्ता के अनुसार, सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स के अनुसार दोपहिया वाहनों की बिक्री के वक्त मोटर कंपनियों को साथ में एक आईएसआई मार्क वाला हेलमेट देना जरुरी है। लेकिन नागपुर में इस नियम का उल्लंघन हो रहा है, ग्राहकों को दोपहिया वाहन की खरीदी के वक्त हेलमेट नहीं दिए जा रहे हैं। याचिकाकर्ता ने इसकी पुष्टि के लिए आरटीओ में सूचना के अधिकार के तहत अनेक वाहनों के दस्तावेज टटोले, जिसमें वाहन के साथ हेलमेट न बेचे जाने की पुष्टि हुई। याचिकाकर्ता के अनुसार, बगैर हेलमेट गाड़ी चलाना खतरनाक है। वर्ष 2017 में बगैर हेलमेट गाड़ी चलाने वाले 4140 लोग हादसे का शिकार हुए है। ऐसे में याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से प्रार्थना की है कि वे टू-व्हीलर बिक्री के साथ ही हेलमेट साथ में देना भी अनिवार्य करें। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड.अवधेश केसरी ने पक्ष रखा।
Created On :   4 Aug 2022 9:50 AM IST