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पुलिस मुख्यालय के गायब डीवीआर की क्यों नहीं हो रही जांच

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) पर सचिन वाझे मामले की जारी जांच में सबूतों को दबाने का आरोप लगाया है। सावंत ने कहा कि एनआईए और भाजपा नेता नहीं चाहते कि मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह की जांच हो। उन्होंने कहा कि परमबीर सिंह के मुंबई पुलिस आयुक्त रहते मुंबई पुलिस मुख्यालय से डीवीआर गायब हुए पर एनआईए इसकी जांच नहीं कर रही है। शनिवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में सावंत ने कहा कि बीते 10 मार्च को एटीएस ने मुंबई पुलिस मुख्यालय के सीसीटीवी डीवीआर को अधिकृत तौर पर अपने कब्जे में लिया था। लेकिन दो घंटे बाद ही जैसे ही समझ में आया कि यह डीवीआर देना गलती थी, एटीएस प्रमुख जयजीत सिंह के पास परमबीर सिंह के कार्यालय से फोन गया कि उस डीवीआर में कुछ साफ दिखाई नहीं दे रहा है। इस लिए उसे अभी वापस कर दो। ऐसा कह कर डीवीआर वापस मंगा लिया गया।
परमबीर सिंह के कार्यालय से एक अधिकारी को भेज कर वह डीवीआर वापस मंगाया गया। उसके बाद से वह डीवीआर गायब हो गया। सावंत ने कहा कि उस डीवीआर में स्कार्पियो कार, इनोवा कार की मुवमेंट सहित सचिन वाझे व अन्य लोग किसके सम्पर्क में थे, यह सब दिखाई दे रहा था। यह एक महत्वपूर्ण सबूत था जिसे गायब किया गया है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा अब परमबीर सिंह की जांच की मांग नहीं कर रही है। सावंत ने कहा कि रश्मि शुक्ला फोन टैपिंग मामले में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस 6.3 जीबी पेनड्राईव की बात कर रहे हैं पर जब खुफिया विभाग की तत्कालिन आयुक्त शुक्ला ने सरकार को ऐसी कोई पेन ड्राईव सौपी ही नहीं थी तो फडणवीस को यह पेन ड्राईव कहां से मिल गई। सावंत ने कहा कि सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाझे का कार्यालय तब के मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के कार्यालय से महज 200 फुट की दूरी पर स्थिति था। उसकी सीधी पहुंच सिंह तक थी लेकिन एनआईए अंबानी धमकी मामले में सिंह की जांच नहीं कर रही है।उन्होंनेकहा किएनआईए वाजे के वरिष्ठ अधिकारियों व परमबीर सिंह के खिलाफ जांच नहीं कर रही है जिससे आशंका बढ़ रही है। एजेंसी जानबूझकर कुछ सबूतों को दबा रही है।
Created On :   27 March 2021 6:13 PM IST