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कोरोना संक्रमित का नाम क्यों हो सार्वजनिक - हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि आखिर क्यों कोरोना संक्रमित व्यक्ति के नाम का खुलासा किया जाए? यह एक व्यक्ति के निजता के अधिकार से जुड़ा मुद्दा है। शुक्रवार को हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह प्रश्न उपस्थित किया। याचिका में मांग की गई है कि सरकारी अधिकारियों को ऐसी व्यवस्था बनाने का निर्देश दिया जाए जिससे कोरोना संक्रमित व संदिग्ध व्यक्ति के नाम को सार्वजनिक किया जाए। यह याचिका कानून की पढ़ाई कर रही छात्रा वैष्णवी घोलवे ने दायर की है। शुक्रवार को यह याचिका न्यायमूर्ति ए ए सैयद की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी।
याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि जहाँ कोरोना संक्रमित व्यक्ति पाया जाता है, उस जगह अथवा इमारत को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया जाता है। इससे अधिकांश लोगों को कोरोना बाधित व्यक्ति के बारे में जानकारी मिल जाती हैं। क्या यह पर्याप्त नहीं है, आखिर क्यों कोरोना संक्रमित व्यक्ति की पहचान को सार्वजनिक करने की मांग की जा रही हैं। यह निजता के अधिकार से जुड़ा मामला है। इस विषय पर किस सीमा तक जाया जा सकता है। यह बात कहते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार को दो सप्ताह के भीतर याचिका में उठाए गए मुद्दे पर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता आदित्य ठक्कर ने कहा कि इंडियन कॉउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के दिशा -निर्देशों के मुताबिक कोरोना बाधित को कलंक से बचाने के लिए उसकी पहचान को सार्वजनिक न करने का प्रावधान किया गया है।
इस पर याचिकाकर्ता के वकील विनोद सांगविकर ने कहा कि आईसीएमआर के निर्देशों के तहत कोरोना से मौत का शिकार होने वाले व्यक्ति की पहचान को सार्वजनिक करने पर रोक लगाई गई है। याचिका में जनहित व कोरोना की कड़ी को तोड़ने के उद्देश्य से कोरोना बाधित के नाम को सार्वजनिक करने की मांग की गई है। क्योंकि कई बार कोरोना बाधित लोग यह नहीं बता पाते हैं कि कौन लोग उनके संपर्क में आए थे। ऐसे में यदि कोरोना बाधित व्यक्ति का नाम सार्वजनिक कर दिया जाएगा तो इस व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोग आगे आकर समय पर उपचार करा सकेंगे।
Created On :   10 July 2020 4:33 PM IST