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पति की अधिक उम्र में नियुक्ति के कारण नहीं रोक सकते पत्नी की पेंशन : हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नियुक्ति के समय पति की उम्र निर्धारित सीमा से अधिक थी। इस आधार पर पेंशन से वंचित पत्नी को बांबे हाईकोर्ट ने राहत प्रदान की है। दरअसल पुणे विश्वविद्यालय ने सुलभा कुरने को उनके पति की मौत के बाद उपरोक्त आधार पर पेंशन देने से मना कर दिया था। विश्वविद्यालय के इस फैसले के खिलाफ कुरने ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका के मुताबिक कुरने के पति ने पुणे विश्वविद्यालय में 20 साल शिक्षकेत्तर कर्मचारी के रुप में काम किया था।
न्यायमूर्ति आरएम सावंत व न्यायमूर्ति केके सोनावने के सामने इस याचिका पर सुनवाई हुई। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने हाईकोर्ट की ओर से दिए गए उन तीन पुराने फैसलों पर गौर किया जिसमें नियुक्ति के समय उम्र अधिक होने के बावजूद संबंधित व्यक्ति के घरवालों को पेशन के लिए पात्र माना गया था। खंडपीठ ने कहा कि कोर्ट के इन फैसलों ने नियुक्ति के समय अधिक उम्र के चलते पेंशन के लिए अपात्र ठहराने के विवाद पर विराम लगा दिया है। इसलिए इस आधार पर पेंशन देने से जुड़ी आपत्ति पर अब विचार नहीं किया जाएगा।
यह कहते हुए खंडपीठ ने कुरने की बकाया पेंशन 6 प्रतिशत ब्याज के साथ देने का निर्देश दिया। इसके साथ ही कहा कि यह भुगतान 31 दिसंबर 2018 तक किया जाए। यदि इस तारीख के बाद भुगतान किया जाएगा तो पेंशन की रकम 10 प्रतिशत ब्याज के साथ देनी पड़ेगी।
Created On :   20 Sept 2018 8:16 PM IST