धान की महक से खेतों की ओर आकर्षित हो रहे जंगली हाथी 

Wild elephants being attracted to the fields by the smell of paddy
धान की महक से खेतों की ओर आकर्षित हो रहे जंगली हाथी 
हुल्ला टीम ने दी दैनिक भास्कर को जानकारी  धान की महक से खेतों की ओर आकर्षित हो रहे जंगली हाथी 

 डिजिटल डेस्क,कुरखेड़ा (गड़चिरोली)। खेतों में धान की फसल अब तैयार होने लगी है। खेत परिसर में पहुंचते ही धान की महक सभी को आकर्षित करती है। ठीक इसी तरह जंगली हाथियांे का झुंड भी धान की सुगंध से खेतों की ओर बढ़ने लगा है। जंगल में विभिन्न प्रकार का खाद्य उपलब्ध होने के बाद भी पिछले 12 दिनों से जंगली हाथियों ने कुरखेड़ा तहसील के खेतों में अपना डेरा जमाया है। पश्चिम बंगाल से कुरखेड़ा के वनक्षेत्र में पहुंची हुल्ला टीम के सदस्यों ने लगातार दो दिनों तक हाथियों पर अपनी नजर रखी। उनकी निगहबानी में ही यह पता चला है कि, धान की महक के कारण ही हाथी खेतों की ओर बढ़ रहे हंै। हालांकि टीम के सदस्य रात के दौरान मशाल जलाकर हाथियों का मार्ग बदलने का पूरजोर प्रयास कर रहे हैं। लेकिन अब तक टीम के किसी सदस्य को इस कार्य में सफलता नहीं मिल पायी है। 

दैनिक भास्कर के प्रस्तुत प्रतिनिधि ने सोमवार की शाम हुल्ला टीम के प्रमुख पिंटू महात्वा से विशेष बातचीत की। इस दौरान पिंटू महात्वा ने बताया कि, हाथियों का यह झुंड मूलत: पश्चिम बंगाल का है। खाद्य की खोज में टीम के सभी हाथी पहले छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न हिस्सों में पहुंचे, जिसके बाद हाथियों ने गड़चिरोली जिले में प्रवेश किया। हाथियों को तालाब की आवश्यकता होती है। साथ ही खाने के लिए भरपूर मात्रा में खाद्य की जरूरत होती है। वर्तमान में कुरखेड़ा तहसील के अधिकांश इलाकों में धान की फसल लहलहा रही है। वहीं की धान की फसल अब तैयार भी होने लगी है। हल्की प्रजाति की फसलों पर धान भी उगने लगे हंै। खेत परिसर में पहुंचते ही धान की मनमोहक सुगंध लोगों को भी आकर्षित करने लगती है। इसी सुगंध के कारण जंगली हाथियों ने खेत परिसर में ही अपना डेरा बनाया है। हुल्ला टीम में बतौर समन्वयक के रूप में कार्यरत पिंटू ने बताया कि, हाथियाें का यह झुंड आने वाले कुछ दिनों तक इसी क्षेत्र में रह सकता है। हाथियों से कुछ दूरी बनाकर उन्हें खदेड़ने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन इस झुंड में हाथियों की संख्या 35 से अधिक है फलस्वरूप किसी भी समय हाथी आक्रामक हो सकते हैं। इसी कारण रात के दौरान मशाल जलाकर हाथियों का मार्ग बदलने का प्रयास किया जा रहा है। पिंटू ने बताया कि, उनकी हुल्ला टीम ने कुल 6 सदस्य है। पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में इसी तरह के हाथियों द्वारा उपद्रव की घटना को अंजाम देने के बाद उन्हीं की टीम ने हाथियों के अनेक झुंड को खदेड़ने में सफलता हासिल की है। उनके मुताबिक कुरखेड़ा में पहुंचे हाथियों के इस झुंड को खदेड़ने में भी उन्हें जल्द ही सफलता मिलेगी। इस टीम को  सहयोग प्रदान करने के लिए कुरखेड़ा की वन परिक्षेत्र अधिकारी कुंभलकर के नेतृत्व में वनविभाग की सारी टीमे यहां तैनात है। 
 
लहलहाते खेतों को हाथियों ने बना दिया मैदान  
पिछले बारह दिनों से जंगली हाथियों के झुंड ने कुरखेड़ा तहसील में अपना डेरा जमाया है। रविवार की रात को तहसील के चिखली, वाघेड़ा और आंधली परिसर के तकरीबन 35 किसानों के खेतों में पहुंचकर हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया। क्षेत्र के कुछ खेत तो पूरी तरह मैदान में तब्दील होने लगे हंै, जिससे किसानों की फसलों के नुकसान का सिलसिला यहां बदस्तूर जारी है। सोमवार को राजस्व विभाग समेत वनविभाग के अधिकारियों ने नुकसानग्रस्त किसानों के खेतों में पहुंचकर नुकसान का सर्वेक्षण किया। शिवसेना के जिला प्रमुख सुरेंद्रसिंह चंदेल ने भी चिखली क्षेत्र मंे पहुंचकर नुकसान का जायजा लेकर किसानों के साथ चर्चा की। इस समय चंदेल ने हाथियों को तत्काल खदेड़ने की मांग भी की। 

Created On :   20 Sept 2022 3:09 PM IST

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