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चांदनी रात में नहीं हो सकेगा वन्यजीवों का दीदार, गणना रद्द, निरीक्षण होगा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वन्यजीवों के दीदार के लिए बेताब वन्यजीव प्रेमियों को इस बार भी मायूसी हाथ लगी। वन्यजीवों के दीदार की उनकी हसरत इसलिए पूरी नहीं हो पाई, क्योंकि आखिरकार वन विभाग ने इस आयोजन को रद्द कर दिया। इसकी नोटिफिकेशन अब आई है। नोटिफिकेशन के अनुसार, 26 व 27 मई को होने वाले वन्यजीव दीदार के आयोजन को अब करना संभव नहीं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए यह निर्णय लिया जा रहा है। गत वर्ष भी इसे रद्द कर दिया गया था।
गणना नहीं, अब निरीक्षण
विदर्भ में पेंच, ताड़ोबा, बोर, मेलघाट जैसे जंगल क्षेत्र में बड़ी संख्या में वन्यजीवों का बसेरा है। इसमें बाघ भी शामिल हैं। गत 4 साल पहले तक इसे मचान गणना नाम दिया गया था। इसका मूल उद्देश्य यह था कि जंगल क्षेत्र में कितने और कौन सी वन्यजीवों की मौजूदगी है। हालांकि कुछ समय बाद यह गणना अविश्वसनीय रहने की बात सामने आई थी। इसके बाद भी यह प्रक्रिया शुरू थी, हालांकि इसमें गिनती किए वन्यजीवों के आंकड़े अधिकृत नहीं माने जा रहे थे। ऐसे में वरिष्ठ अधिकारियों ने इसके प्रति नकारात्मक दृष्टि दिखाते हुए इसके बदले मचान निरीक्षण करवाने का मन बनाया है, जिसमें कमर्शियल पार्टियों के साथ कुछ प्रतिशत गांववालों के लिए नि:शुल्क यहां मौका दिया जाता है। वन विभाग द्वारा आयोजित किए जाने वाले इस इवेंट में पूरे राज्यभर से बड़ी संख्या में वन्यजीव प्रेमी आते हैं।
आयोजन रद्द किए जाने की जानकारी अब आई
कोरोना संक्रमण के कारण आखिरकार रद्द करना पड़ा
इस वर्ष 26, 27 मई के ही बीच यह इवेंट होनेवाला था। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वनबल प्रमुख) महाराष्ट्र राज्य कार्यालय से हाल ही में एक आदेश जारी किया है, जिसे नागपुर, चंद्रपुर, गड़चिरोली, अमरावती, यवतमाल, औरंगाबाद, धुले, नाशिक, ठाणे, पुणे, कोल्हापुर आदि जगह भेजा गया है। इसमें बताया गया है कि उपरोक्त प्रक्रिया में बड़ी संख्या में वन्यजीव प्रेमी आते हैं, जिन्हें मचान पर रातभर रुकते हुए वन्यजीव देखना पड़ता है। इस बीच सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन नहीं हो सकेगी। ऐसे में इसे रद्द किया गया है।
ऐसे होता है दीदार
पूनम की रात पूरा चांद व उससे निकलनेवाले उजाले में दूर तक देखा जाता है। ऐसे में जंगल के पास वाले खेत में जमीन से ऊपर मचान बनाई जाती है। इस मचान पर चढ़ने पर जंगल के पानी का मुख्य स्रोत दिखाई देता है। जो प्राणी पानी पीने आते हैं, रात भर मचान पर बैठकर वन्यजीवों का निरीक्षण किया जाता है। कई बार इस दौरान जंगलों में रहनेवाले दुर्लभ वन्यजीव भी दिखाई देते हैं।
Created On :   15 July 2021 3:26 PM IST