हाईवे की होटलों में बह रही मधुशाला, आर्डर करते ही हाजिर होती है शराब

Wine shops running on the highway of maharashtra
हाईवे की होटलों में बह रही मधुशाला, आर्डर करते ही हाजिर होती है शराब
हाईवे की होटलों में बह रही मधुशाला, आर्डर करते ही हाजिर होती है शराब

लिमेश कुमार जंगम , नागपुर। हाईवे पर शराब बिक्री पर रोक के बावजूद शहर की सीमा के बाहर होटलों में ही मधुशाला चलती है। यहां आर्डर करते ही शराब हाजिर हो जाती है।  ज्ञात हो कि 31 मार्च 2017 से अर्थात एक वर्ष पूर्व देश के सभी हाईवे पर शराब की बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट ने पाबंदी लगा दी थी। ठीक एक वर्ष बाद, सुप्रीम कोर्ट की पाबंदी को लेकर नागपुर-अमरावती एवं नागपुर-वर्धा के हाईवे के हालातों का जायजा लेने के लिए दैनिक भास्कर ने ‘ऑपरेशन वाइन’ में इसकी पड़ताल की। शहर सीमा समाप्त होते ही अनेक होटल, ढाबे, रेस्तरां, भोजनालय व सावजी दुकानों में दस्तक देकर शराब की मांग की। बेखौफ बैठे होटल मैनेजर व वेटर खिदमत करने पहुंच गए। टेबल पर बैठते ही उन्होंने सेवाएं गिना दी। जैसे ही शराब की डिमांड की गई तो उन्होंने हमारी पूछताछ तक नहीं की। बिना डरे उन्होंने अपने दुकान में उपलब्ध शराब के ब्रांड की सूची बयां कर दी। हालांकि हमने सच्चाई जानने के लिए अधिकांश में से केवल 4 दुकानों को ही सैम्पल के तौर पर चुना।  ‘ऑपरेशन वाइन’ के वीडियो स्टिंग में इन दुकानदारों ने शराब की पाबंदी के चलते अधिक दाम पर इसे बचने की बात कबूली। ऑर्डर पाते ही उन्होंने चंद मिनटों में टेबल पर शराब की बोतलें लाकर रख दीं। साफ है कि दिनदहाड़े सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इसके बावजूद संबंधित प्रशासन गहरी नींद में नजर आ रहा है।

सीमा पार, अवैध कारोबार
नागपुर शहर से मात्र 17 किमी दूर हाईवे पर मौजूद अनेक होटलों में अवैध शराब की बे-लगाम बिक्री हो रही है। पुलिस एवं आबकारी विभाग के आंखों में धूल झोंककर अथवा मिलीभगत से इस तरह धड़ल्ले से अवैध शराब परोसे जाने की हकीकत सामने आई है। अमरावती तथा वर्धा के राष्ट्रीय महामार्ग पर हमने अनेकों में से चुनिंदा 4 दुकानों को सैम्पल के तौर पर चयनित किया। हकीकत जानने के लिए हमने स्टिंग ऑपरेशन कर बकायदा इसका वीडियो बनाया। इन वीडियो में उन चेहरों एवं संवादों को कैद किया गया है, जो बिना डरे शराब का अवैध कारोबार कर रहे हैं। 

पाबंदी, फिर भी बेखौफ
 ज्ञात हो कि 15 दिसंबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों एवं राज्य हाईवे से 500 मीटर तक शराब की दुकानें चलाने पर पाबंदी लगा दी थी। इस पर कठोरता से अमल किया गया था। शहर की सीमाओं में शामिल हाईवे को बाद में इससे छूट दी गई थी। सीमा क्षेत्र से बाहर के मार्गों पर कहीं भी शराब की बिक्री न होने पाए, इसके लिए सभी राज्य सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को गंभीरता से लिया था। शराब संबंधी सारे विज्ञापन और साइन बोर्ड हटाने के लिए राज्यों के मुख्य सचिव एवं डीजीपी को निगरानी की जिम्मेदारी सौंपते हुए आदेशों का पालन करने की हिदायत दी थी। इस कठोर नियम की जानकारी अमूमन सभी होटल मालिकों को है, इसके बावजूद वे बेखौफ होकर अवैध शराब की बिक्री कर रहे हैं।

दुर्घटनाओं का प्रमाण कैसे रुकेगा 
हाईवे पर इस तरह कानून का उल्लंघन कर वाहन चालकों एवं शराब के शौकीनों को अवैध शराब परोसी जा रही है, तो जिस उद्देश्य को लेकर न्यायालय ने पाबंदी लगाई है, वह सफल कैसे हो पाएगा। हाईवे पर अधिकतर दुर्घटनाओं के लिए शराब के नशे में वाहन चलाने को जिम्मेदार पाया गया था। महाराष्ट्र इमर्जेंसी मेडिकल सर्विस (एमईएमएस) के आंकड़ों के अनुसार, बीते 4 सालों में सड़क दुर्घटनाओं में 162 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2 लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हुए। 4 वर्ष पूर्व राज्य में जहां 28,758 लोगों को आपातकालीन मेडिकल सेवा की जरूरत पड़ी, वहीं 2017 में 75,559 मामले सामने आए। अधिकतर दुर्घटनाएं शाम 4 से रात 12 बजे के बीच घटित हुई हैं। इसकी मुख्य वजह ट्रैफिक जाम के अलावा शराब पीकर वाहन चलाना माना गया है। इन सभी परिस्थितियों के बावजूद नागपुर के हाईवे को सुरक्षित रखने के लिए शराब बंदी पर कठोरता से अमल नहीं किया जा रहा है। संबंधित प्रशासन न्यायालय के आदेश को अमल करने में नाकाम साबित हो रही है। 

Created On :   19 April 2018 3:01 PM IST

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