सौंसर-पांढुर्ना का नागपुरी संतरा संकट में,व्यापारियों ने दाम घटाए

With the demand for orange in the market this season, traders reduced prices
सौंसर-पांढुर्ना का नागपुरी संतरा संकट में,व्यापारियों ने दाम घटाए
सौंसर-पांढुर्ना का नागपुरी संतरा संकट में,व्यापारियों ने दाम घटाए

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा/सौंसर। देश में नागपुरी संतरे के नाम से प्रसिद्ध सौंसर-पांढुर्ना का संतरा संकट में आ गया है। इस सीजन के बाजार में संतरे की मांग कम होने से व्यापारियों ने दाम घटा दिए। इधर किसान कम दाम पर संतरा बगीचे बेचने तैयार नहीं है। फिलहाल संतरा कारोबार में असमंजस की स्थिति बनी हुई हैं। नवरात्र व छठ पूजा के दौरान बाजार में संतरे की मांग बढ़ी तो दाम में भी उछाल आया, लेकिन तापमान में गिरावट के साथ बाजार में संतरे की मांग कम हो गई। एक माह में संतरा के दाम 300 से 200 रुपए सैकड़ा पर आ गए।  सौंसर के संतरा उत्पादक किसान योगीराज बोबडे के खेत में 1100 संतरा पौधों पर लगभग 5 लाख फल है, लेकिन वे कम दाम पर बेचने तैयार नहीं है। बोबड़े का कहना है कि इस वर्ष अंबिया बहार की फसल कम है भाव बढऩा चाहिए। व्यापारियों ने बीते माह के कारोबार में हुआ घाटा पूरा करने के लिए दाम घटा दिए हैं। गौरतलब है कि सौंसर-पांढुर्ना में 40 हजार हेक्टेयर में संतरा बगीचे हैं, यहां अंबिया बहार सीजन में 40 से 50 हजार टन संतरा बाजार में आता है।

थम गया कारोबार
संतरा बाजार का कारोबार इन दिनों थम सा गया है। व्यापारियों का कहना है कि बाजार में संतरे की मांग नहीं होने से खरीददारों ने दाम घटा दिए हैं इधर किसान दाम कम करने को तैयार नहीं हैं। संतरा व्यवसायी अनिरुद्ध दुफारे बताते है कि बांग्लादेश, नेपाल, कलकत्ता, दिल्ली  में प्रतिदिन 15 से 20 ट्रक नागपुरी संतरे की मांग थी जो अब 5 से 8 ट्रक तक सिमट गई हैं। खुले बाजार में भी संतरे को खरीददार नहीं मिल रहे है।

इसलिए कम हुई मांग
बाजार में नागपुरी संतरे की मांग कम होने के दो कारण हंै। पहला अंबिया बहार का संतरा स्वाद में खट्टा-मीठा होने से ठंड बढ़ते ही इसकी मांग कम हो जाती हैं। दूसरा पंजाब व राजस्थान में संतरे के समकक्ष की प्रजाति किन्नु का उत्पादन होने लगा है यह संतरा स्वाद में अत्याधिक मीठा होने से बाजार में इसकी मांग बढ़ जाती हैं।

अर्थव्यवस्था संकट में
संतरा पांढुर्ना-सौंसर तहसील क्षेत्र में अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। इस कारोबार से प्रतिवर्ष 30 से 40 करोड़ रुपया क्षेत्र के बाजार में आता हैं। इस कारोबार में मंदी होने का सीधा असर क्षेत्र के बाजार पर हो रहा है। कपड़ा व्यवसायी अरुण वाडेकर कहते है कि दीपावली के बाद बाजार में उठाव आने की उम्मीद भी अब खत्म हो रही हैं। 

Created On :   6 Dec 2018 8:38 AM GMT

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