लीजधारकों के लिए अन्यायकारी जीआर वापस लें  -जोशी

Withdraw unjust GR to leaseholders - Joshi
लीजधारकों के लिए अन्यायकारी जीआर वापस लें  -जोशी
लीजधारकों के लिए अन्यायकारी जीआर वापस लें  -जोशी

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  पूर्व महापौर संदीप जोशी ने 13 सितंबर 2019 को जारी शासनादेश को काला जीआर कहा है। लीजधारकों के लिए अधिकार नियंत्रित करने वाला शासनादेश वापस लेने की उन्होंने सरकार से मांग की है। राज्य सरकार ने ऐन चुनाव आचार संहिता कालावधि में एक अध्यादेश जारी किया था। अध्यादेश में लीज शुल्क 25 गुना बढ़ाने का प्रावधान है। किसी कारणवश लीज रद्द करने पर शुल्क भुगतान कर नियमित व नूतनीकरण का अधिकार छीन लिया गया है। संपत्ति गिरवी रखने अथवा बेचने की अनुमति नहीं है। कुल मिलाकर शहर के लीजधारकों के साथ अन्याय है। 

 लीज पर 4 हजार प्लॉट
शहर में नजुल के अतिरिक्त मनपा के मालिकाना अधिकार की हजारों एकड़ जमीन है। शिव नगर, कांग्रेस नगर, धरमपेठ, मौजा गाड़गा, न्यू कॉलोनी व अन्य रिहायशी इलाकों में 4 हजार से अधिक प्लॉट 70 वर्ष पूर्व मनपा ने नीलामी कर लीज पर दिए हैं। 13 सितंबर 2019 के जीआर ने लीजधारकों को संकट में डाल दिया है। पूर्व महापौर जोशी ने कहा कि, मनपा सहयोग की भूमिका में है, लेकिन राज्य सरकार ने लीजधारकों के सामने संकट खड़ा कर दिया है। चुनाव अाचार संहिता कालावधि में जीआर जारी किया जाना आश्चर्यजनक है। 

शासनादेश किसी भी वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं
राज्य सरकार का शासनादेश महाराष्ट्र सरकार की किसी भी वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है। लीजधारकों के लिए अन्यायकारी शासनादेश वापस लेने की जोशी ने राज्य सरकार से मांग की। अन्यथा सरकार की भूमिका के विरोध में कठोर कदम उठाने की चेतावनी दी है।
 

Created On :   20 Jan 2021 2:22 PM IST

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