डिलीवरी के बाद हुई महिला की मौत, परिजन ने कहा- डॉक्टर को गिरफ्तार करो, जमकर किया हंगामा

Woman died after delivery, family Demands arrest to doctor
डिलीवरी के बाद हुई महिला की मौत, परिजन ने कहा- डॉक्टर को गिरफ्तार करो, जमकर किया हंगामा
डिलीवरी के बाद हुई महिला की मौत, परिजन ने कहा- डॉक्टर को गिरफ्तार करो, जमकर किया हंगामा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कामठी के येरखेड़ा निवासी एक 22 वर्षीय महिला की प्रसूति के बाद मौत हो जाने से परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और दोषी डाक्टर को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अस्पताल के सामने चक्काजाम कर नारेबाजी की। प्राप्त जानकारी के अनुसार येरखेड़ा निवासी (22) वर्षीय प्रियंका कैलाश मुले को रविवार को कामठी के राठी मेटरनिटी एंड चिल्ड्रन हॉस्पिटल में दोपहर करीब 3.45 बजे भर्ती किया गया। जांच के बाद डाक्टरों ने उसकी डिलीवरी करने का निर्णय लिया। समय हो गया था, लेकिन नॉर्मल डिलीवरी संभव न होने के कारण उसका सीजर करने का निर्णय लिया गया। परिजनों को इसकी जानकारी दी गई। उनकी मंजूरी के बाद करीब 5.20 बजे प्रियंका की डिलीवरी की गई। प्रियंका ने एक बेटी को जन्म दिया। ऑपरेशन के बाद सब कुछ ठीक था। 

डॉ. राठी के मुताबिक जच्चा और बच्चा दोनांे स्वस्थ थे, लेकिन फिर अचानक डेढ़ से दो घंटे बाद प्रियंका का शरीर ठंडा पड़ने लगा। ब्लड प्रेशर लगातार कम होता जा रहा था। उसकी नाजुक हालत को देख इमरजेंसी उपाय जैसे स्लाइन लगाना, इंजेक्शन लगाना और उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, जिससे उसे ऑक्सीजन भी लगाया गया, लेकिन उसकी हालत बिगड़ती गई। 

दूसरे हाॅस्पिटल ले जाकर शुरू किया उपचार

डॉ. राठी ने लाइफ लाइन हॉस्पिटल के डा. शमीम से संपर्क कर मरीज की स्थिति के बारे में बताया और उसे वेंटिलेटर पर रखने की बात पर दोनों डाक्टरों की सहमति हुई। इस बीच प्रियंका के शरीर से रक्तस्त्राव होने लगा। डाक्टरों ने तुरंत लाइफलाइन हॉस्पिटल ले जाकर उसका उपचार शुरू किया, लेकिन रक्त स्त्राव रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। डाक्टरों ने दोबारा से प्रियंका के शरीर की जांच की, रक्त के नमूने भेजे गए तो पता चला कि, प्रियंका का ब्लड क्लाॅटिंग मेकेनिजम फेल हो गया था। जिस कारण प्रियंका को जितना भी रक्त चढ़ाया जा रहा है था वह नाक, कान और मंुह से बह जाता था। रात भर उपचार करने के बावजूद सोमवार को दोपहर करीब 2 बजे प्रियंका अपनी जिंदगी की जंग हार गई और डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जैसे ही यह बात प्रियंका के पति और उसके परिजनों को पता चली तो वे भड़क उठे। 

शव ले जाने से किया इनकार 

डिलीवरी के बाद मां-बेटी काफी स्वस्थ थे, फिर अचानक यह सब कैसे हो गया। ऐसे कई सवाल प्रियंका के परिजनों ने डाक्टर के सामने रखे। इस बीच देखते ही देखते अस्पताल में प्रियंका के परिजन और परिसर के लोगों की भीड़ इकट्‌ठा हो गई और उन्होंने आरोप लगाया कि, डाक्टरों की लापरवाही की वजह से प्रियंका की मौत हुई है। ऐसे में दोषी डाक्टरों को गिरफ्तार करने की मांग परिजन ने की। इतना ही नहीं तो उन्होंने प्रियंका का शव लेने से भी इनकार कर दिया। जब तक डाक्टरों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक प्रियंका का शव नहीं लेने की बात कही गई। 

मेडिकल बोर्ड को सौंपा मामला

इस बीच कामठी के दोनों थानों के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक बापू ढेरे, पुंडलिक भटकर सहित बड़े पैमाने में पुलिस बल अस्पताल पहंुचा और स्थिति को शांत करने का प्रयास किया। जब इससे भी बात नहीं बनी तो एसीपी परदेशी को स्वयं अतिरिक्त पुलिस बल के साथ अस्पताल आना पड़ा। इस बीच जूना थाने के पुलिस निरीक्षक पंुडलिक भटकर से इस मामले में पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि, फिलहाल अभी कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। मामला मेडिकल बोर्ड को सौंपा गया है। मेडिकल बोर्ड इस बात की जांच करेगा कि, प्रियंका को कौन सी दवा व इंजेक्शन दिए गए थे और किस प्रकार का उपचार किया गया। उनकी रिपोर्ट में यदि डाक्टर की लापरवाही साबित होती है तो मामला दर्ज करने का प्रावधान बनता है। पुलिस ने प्रियंका का शव नागपुर के मेडिकल अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। खबर लिखे जाने तक दोनों थानांे में किसी भी प्रकार का कोई भी मामला दर्ज नहीं किया था और परिजनों की भीड़ अस्पताल में जमी रही। 

ब्लड क्लाॅटिंग मेकेनिजम फेल होने से हुई मौत

डॉ. संजय राठी, संचालक के मुताबिक डिलीवरी से पहले और डिलीवरी के बाद मरीज प्रियंका का स्वास्थ बिलकुल ठीक था, लेकिन आॅपरेशन के डेढ़ से दो घंटे बाद प्रियंका का ब्लडप्रेशर कम होता गया और पल्स रेट भी लगातार घटती गई। इस बीच प्रियंका का ब्लड क्लाटिंग मेकेनिजम फेल होने से उसका रक्तस्त्राव लगातार बढ़ता गया, उसे रोकने का पूरा प्रयास किया गया और लगातार प्रियंका को रक्त भी चढ़ाया जा रहा था। हालांकि प्रियंका का ब्लड ग्रुप ओ-निगेटिव होने से इस ग्रुप का रक्त मिलना मुश्किल था फिर भी यहां-वहां से रक्त का इंतजाम किया गया। ब्लड क्लाटिंग मेकेनिजम फेल होना यह लाखों मरीजों में से किसी एक के साथ ही होता है। इसमें लापरवाही वाली कोई बात नहीं है। परिजनों द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद है। हालांकि जिस दौर से वह गुजर रहे हैं ऐसे में आरोप लगाना स्वाभाविक है। हम हर जांच के लिए तैयार हैं। यदि दोषी पाए जाते हैं तो कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार हैं। 

Created On :   24 Sept 2018 9:20 PM IST

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